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यों तो हर साल में कुछ न कुछ महा प्रलय आता है और मानव जाति का विनाश करता है। 2020 साल में कोरोना महामारी ने महाविनाश किया था। जिसमें लाखों करोड़ो लोग मारे गए हैं और अभी यह खत्म नहीं हुआ है। इसी तरह से वैज्ञानिकों ने बताया है कि डूम्स डे क्लॉऔक यानी की मुसीबत आने से पहले ही आगाह करने वाली घड़ी जिसको प्रलय की घड़ी भी कहते हैं, ने संकेत दिया है कि 2021 में भी महाविनाश जैसी कुछ घटना होने वाली है। इसके संकेत डूम्सॉडे क्लॉतक ने दिए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिक डूम्सीडे क्लॉक (प्रलय की घड़ी) के जरिए वर्ष 1947 से यह बताते आ रहे हैं कि दुनिया महाविनाश से कितना दूर है। परमाणु वैज्ञानिक राचेल ब्रोंसन ने कहा कि हमारी सामूहिक समझ यह कहती है कि यह बहुत खतरनाक समय चल रहा है और प्रलय की घड़ी अभी भी मध्ययरात्रि से 100 सेकेंड दूर बनी हुई है। जिसका मतलब है कि दुनिया में प्रलय आएगा। मानवता अभी भी कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और विभिन्नक देश दुनिया में परमाणु हथियारों को बनाने की होड़ में लगे हैं।
ये है प्रलय की घड़ी
डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी है जो मानवीय गतिविधियों के कारण वैश्विक तबाही की आशंका जाहीर करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार घड़ी में मध्यरात्रि 12 बजने को भारी तबाही का संकेत माना जाता है। हिरोशिमा और नागासाकी में हुए हमले के बाद वैज्ञानिकों ने मानव निर्मित खतरे से विश्व को आगाह करने के लिए इस घड़ी का निर्माण किया था। इस घड़ी में मध्य रात्रि के 12 बजने के मायने हैं कि दुनिया का अंत। अभी 2021 में संकेत है कि दुनिया में परमाणु हमला होने की 100 प्रतिशत संभावना है।
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