हड़ताली डॉक्टरों ने अपनी मांगें को लेकर मध्यप्रदेश में प्रदर्शन जारी कर रखा है। भोपाल में जूडा मेंबर्स गांधी मेडिकल कॉलेज के बाहर निकले और सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए हैं। जबलपुर हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि हाई कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध करार दिया था।


बता दें कि जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा के मेडिकल कॉलेजों के पीजी के फाइनल ईयर के 468 स्टूडेंट्स के नामांकन कैंसिल (बर्खास्त) कर दिए गए थे। इस कार्रवाई के विरोध में जूडा भड़क गया और तीन हजार मेडिकल स्टूडेंट्स ने इस्तीफा दे दिया हैं, इसी के साथ जूडा ने मेडिकल से जुड़े दूसरे संघ का समर्थन होने का भी दावा किया है।


इस हड़ताल में दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी समर्थन कर रहे हैं। जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स को जबलपुर हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक बताया और तत्काल हड़ताल को वापस लेने के आदेश दिया हैं। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर अगर जूनियर डॉक्टर अपने काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।