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मनरेगा मजदूरों (MNREGA workers) को समय पर पारिश्रमिक प्रदान करने के मामले में झारखंड (Jharkhand) राज्य ने पूरे देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। यह जानकारी राज्य की मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा मनरेगा की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं और कई चरणों में इसकी मॉनटरिंग की जा रही है।
मनरेगा (MNREGA) आयुक्त के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021- 22 में अब तक कुल 19.14 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराये गये हैं तथा 662 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। हर इच्छुक परिवार व मजदूर को यथासंभव उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक गांव टोला में कम से कम 5 से 6 योजनाओं के क्रियान्वयन का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा शुरूआत की गई योजनाओं यथा नीलाम्बर- पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना आदि के क्रियान्वयन पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
इन योजनाओं में सभी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है। सभी इच्छुक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई उक्त सभी योजनाओं के समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं जल संरक्षण एवं पौधरोपण कार्य को मिशन मोड में वैज्ञानिक ढंग से क्रियान्वित कराया जा रहा है।
मनरेगा आयुक्त ने कहा है कि विभागीय सचिव डॉक्टर मनीष रंजन के निर्देश पर राज्य में वापस आनेवाले प्रवासी श्रमिकों को उनके क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।
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