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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। सोरेन ने देर रात हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी कभी न हिंदू थे, न हैं। आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और उनके अलग रीति-रिवाज हैं। सदियों से आदिवासी समाज को दबाया जाता रहा है, कभी इंडिजिनस, कभी ट्राइबल तो कभी अन्य के तहत पहचान होती रही।
सीएम ने कहा कि इस बार की जनगणना में आदिवासी समाज के लिए अन्य का भी प्रावधान हटा दिया गया है। हेमंत सोरेन ने कहा कि जनगणना में आदिवासियों के लिए कोई जगह नहीं है। पांच-छह धर्मों को लेकर यह बताने की कोशिश की गई है कि उन्हें इन्हीं में से एक को चुनना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि आगामी जनगणना में आदिवासी समूह के लिए अलग कॉलम होना चाहिए, जिससे वे अपनी परंपरा और संस्कृति को संरक्षित कर आगे बढ़ सकें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि साल 2021 को प्रदेश सरकार ने नियुक्ति वर्ष घोषित किया है। जेपीएससी समेत अन्य माध्यम से रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए नियमावली बना कर आगे कदम बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी की विचारधारा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 89 साल के एक सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को जेल में बंद रखा गया है। जिस व्यक्ति की यादाश्त चली गई है, ठीक से बोल नहीं पाता है, उसे देशद्रोह के मामले में जेल में रखा गया है।
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