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पश्चिम गारो हिल्स में जापानी इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार के फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रशासन की मदद के लिए एहतियातन एक विशेषज्ञ को रवाना किया है। पूर्वोत्तर मामलों को देखने वाले अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। ऐसे ही एक सूत्र के मुताबिक इस बिमारी से पश्चिमी गारो हिल्स इलाके में तकरीबन डेढ़ दर्जन लोगों के प्रभावित होने की जानकारी सामने आई है। इसे लेकर शासन-प्रशासन चिंतित नजर आ रहा है।
आधिकारिक रूप से इस बिमारी से प्रभावित लोगों की संख्या 16 बताई गई है। कहा जा रहा है कि यहां कम से कम 16 लोग इस बिमारी से प्रभावित हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एएल हेक ने एक आपात बैठक की। बताया जाता है कि जिस विशेषज्ञ को यहां भेजा गया है, वह विशेषज्ञ स्वास्थ्य मंत्रालय के जापानी इंसेफलाइटिस प्रभाग से जुड़े हैं। हेक ने कहा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य के नोडल अधिकारी से कहा गया है कि वे जिला प्रशासन को रिपोर्ट करें और सहायता प्रदान करें।
गौरतलब है कि इस बिमारी के पहले दो मामले जिले में एक सप्ताह पहले सामने आए थे। 16 मामलों की पुष्टि हुई और इनमें से आठ तुरा शहर के हैं। जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य सचिव प्रवीण बक्शी घटनाक्रम पर नजदीकी से निगाह बनाए हुए हैं और दवाओं की उपलब्धता और उपचार सुविधा पर ध्यान दे रहे हैं।
दूसरी ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम गारो हिल्स में परीक्षण किए गए 17 रोगियों में से जापानी इंसेफेलाइटिस का कोई सकारात्मक मामला नहीं पाया गया है। वहीं राज्य सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान के लिए तैयार थी।
मालूम हो कि जापानी इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार ने इस समय बिहार में हड़कंप मचा रखा हैा। वहां इस बिमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या भी तकरीबन डेढ़ सौ पार कर चुकी है। इन मौतों में अधिकांश एक ही जिले मुजफ्फरपुर से सामने आए हैं।
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