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गोवा सरकार की शीर्ष स्वास्थ्य सुविधा गोवा मेडिकल कॉलेज के डीन ने गोवा में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए कोविड की रोकथाम के लिए एक दवा के रूप में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल का बचाव किया है, हालांकि डब्ल्यूएचओ का कुछ अलग ही मानना है।
डीन डॉ शिवानंद बांदेकर ने कहा कि आइवरमेक्टिन एक बहुत अच्छी दवा है और इसे साबित करने के लिए क्लिनिकल टेस्ट हुए थे। डीन ने कहा, इस पर कई टेस्ट हुए हैं। इसे बहुत अच्छी दवा मानी जाती है। शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी की टिप्पणी के एक दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने क्लिनिकल टेस्ट के बिना दवा का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है।
स्वामीनाथन ने मंगलवार को ट्वीट किया, नए संकेत के लिए किसी भी दवा का उपयोग करते समय सुरक्षा और प्रभावकारिता महत्वपूर्ण है। गोवा के विपक्ष ने राज्य के कोविड प्रबंधन प्रोटोकॉल में संक्रमण का मुकाबला करने के लिए उपयोग की जाने वाली आइवरमेक्टिन के अंधाधुंध उपयोग का भी विरोध किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने ट्वीट किया था और केंद्र सरकार को भी टैग किया था। गोवा सरकार ने सोमवार को अपने कोविड उपचार प्रोटोकॉल में संशोधन किया था, जिसमें सिफारिश की गई थी कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को आइवरमेक्टिन की पांच गोलियां लेनी चाहिए, जिससे वायरल लोड को रोका जा सके।
बता दें कि Ivermectin मुंह के जरिए दी जाने वाली ऐसी दवा है जिसका प्रयोग पैरासिटिक इन्फेक्शंस के इलाज में होता है। 1981 में इस दवा का मेडिकल इस्तेमाल शुरू हुआ। यह WHO की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। कुछ रिसर्च में पाया गया कि यह SARS-CoV-2 समेत कुछ सिंगल-स्ट्रैंड RNA वायरस के खिलाफ ऐंटीवायरल असर दिखाती है। वहीं स्वामीनाथन ने अपने ट्वीट के साथ दवा बनाने वाली कंपनी का बयान भी पोस्ट किया है। इसके मुताबिक, प्री-क्लीनिकल स्टडीज में कोविड-19 के ट्रीटमेंट में इस दवा के चिकित्सकीय प्रभाव का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
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