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पहले जहां खराब हो चुके दातों के स्थान नए दांत लगवाने में महीनों लग जाते थे, वहीं अब आधुनिक तकनीक कोर्टिको बेसल इंप्लांटोलॉजी के जरिए यह काम मात्र 3 दिन में ही संभव हो गया है। इसी तकनीक पर जयपुर में 3 दिन तक मंथन कर रहे हैं। इसमें बेंगलुरु से डॉक्टर विरेंद्र कुमार सहित देश के 25 दंत चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं।
कॉन्फ्रेंस की आयोजक डॉ रिम्मी शेखावत ने बताया की इस तकनीक में बहुत ही आसान और सरल प्रक्रिया से मरीज का इलाज दर्द रहित, बिना चीरा काटे लगाए किया जाता है और मात्र 3 दिन में फिक्स दांत लगाए जाते हैं।
मरीज चौथे दिन से खाना शुरु कर देता है पुरानी विधि जो ज्यादातर डेंटिस्ट आज भी उपयोग कर रहे हैं उसमें अनुमान तीन से चार महा रुक कर दांत लगाते हैं जो की बहुत ही लंबा और कष्टदायक होता है।
यह तकनीक सरल होने और बेसल बोन को यूज करने के कारण कार्डियक डायबिटिक पेशेंट में भी बिना कोई दवा इलाज बंद करें की जा सकती है। मरुधर डेंटल हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध है, शनीवार को सात सर्जरी की और 75 इंप्लांट किए।
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