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गाजा पट्टी में जारी हिंसा के बीच 30 से अधिक स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और वर्तमान में वहां कोई स्कूल खुल नहीं रहे हैं। यूनिसेफ मध्य एशिया और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय संचार प्रमुख जूलियट टौमा ने यह जानकारी दी। टौमा ने कहा, गाजा में 30 से ज्यादा स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और जिसका असर निश्चित तौर पर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा और अभी की स्थिति के कारण गाजा में कोई स्कूल नहीं चल रहा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, स्कूलों को फिर से शुरू करने की जरूरत है लेकिन स्कूलों को फिर से शुरू करने के लिए, हमें संघर्ष विराम की आवश्यकता है और हमें हिंसा को रोकना होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2014 के बाद से भीषण गोलाबारी ने अरब-यहूदी शहरों में सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दिया और यह वेस्ट बैंक तक फैल गया। सोमवार शाम से अब तक गाजा पट्टी से इजरायल में करीब 1,800 रॉकेट दागे जा चुके हैं, जिसने फलस्वरूप इजरायल ने हमास के खिलाफ हमलों को जवाब दिया है।
गौरतलब है कि इजरायल और फलस्तीन के बीच अब युद्ध तेज हो गया है। इजरायल ने गाजा में जमीन के नीचे सुरंग में बनाए गए हमास के ठिकानों को नष्ट करने के लिए भीषण बमबारी की। इजरायल की तोपों ने भी लगभग चालीस मिनट तक गोले बरसाए। हमास ने भी इजरायल के यरुशलम और तेल अवीव सहित कई शहरों पर जबर्दस्त रॉकेट हमले किए हैं। इजरायल ने कहा है कि लेबनान की तरफ से भी रॉकेट दागे गए। लेबनान ने इसका खंडन किया है। फलस्तीनी अधिकारी के अनुसार अब तक 119 लोगों की मौत हो गई है, इनमें 31 बच्चे और 19 महिलाएं हैं। यहां 830 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इजरायल में मरने वालों की संख्या आठ है। इनमें छह नागरिक हैं। गाजा पट्टी के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में इजरायली सीमा पर तैनात तोपों से लगभग 40 मिनट तक गोलाबारी की गई। चश्मदीद लोगों का कहना है कि बॉर्डर के आसपास रहने वाले फलस्तीनियों का अब वहां से पलायन शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के समन्वय कार्यालय के अनुसार गाजा में लगभग दो सौ घर नष्ट हो गए हैं। सैकड़ों लोगों ने उत्तरी गाजा के स्कूल में शरण ली है। इजरायल के यहूदी और अरब मिश्रित आबादी में अब अद्र्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए हैं। यहां पर भी दंगे चल रहे हैं।
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