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फिलिस्तीनियों पर हमले को लेकर एकजुटता दिखाने वाले मुस्लिमों देशों में एकबार फिर तनाव बढ़ने जा रहा है। फिलिस्तीन पर हमले के चलते इस्लामिक देशों की बैठक में उभर कर सामने आया तनाव और गहरा गया है। क्योंकि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने टैक्स को लेकर एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए हैं। इजरायल के वित्त मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों के सामान्य होने के बाद इस दिशा में यह कदम उठाया गया है।
यूएई के वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर में बताया था कि वह दोहरे कराधान से बचने के लिए इजरायल के साथ प्रारंभिक समझौता कर चुका है। दोनों पक्षों के इस करार को इस साल मंत्रियों और संसद ने मंजूरी दी। दोनों पक्षों के बीच यह समझौता 1 जून 2022 से प्रभावी होगा।
पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और इजरायल के बीच संबंधों के सामान्य होने के बाद यह पहली कर संधि है। इसी तरह इजरायल मोरक्को और सूडान के साथ भी संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
रॉयटर्स के मुताबिक, यह करार मुख्य रूप से ओईसीडी मॉडल पर आधारित है। इजरायल के वित्त मंत्री इज़राइल काट्ज ने एक बयान में कहा, यह "व्यावसायिक गतिविधि के लिए निश्चित और अनुकूल माहौल मुहैया कराएगा और संयुक्त अरब अमीरात के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।"
समझौते के तहत, कर कटौती, लाभांश और रॉयल्टी की सीमा तय की गई है। इजरायल के विदेश मंत्री गैबी अशकेनाज़ी ने कहा कि यह संधि निवेश और व्यापार को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मदद मिलेगी।
चूंकि पिछले सितंबर में एक सामान्य डील के तहत इज़रायली और यूएई के बैंकों और अन्य कंपनियों ने सहयोग सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही दोनों पक्षों में सीधी उड़ानों को लेकर भी डील फाइनल हुई है।
यूएई और इजरायल में संबंधों के सुधार के साथ अन्य मुस्लिम देशों में तनाव बढ़ा है। खासकर हाल में इजरायल और फिलिस्तीन में टकराव के चलते यह तनाव और उभरकर सामने आया। मई की शुरुआत में 57 देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की एक बैठक में, राजनयिकों ने इजरायल से संबंधों को लेकर अलग-अलग मसलों पर एक-दूसरे की आलोचना की।
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने बैठक में कहा था, "फिलिस्तीनी बच्चों का नरसंहार आज रिश्तों के कथित रूप से सामान्य होने के बाद हुआ है।" उन्होंने कहा, "इस आपराधिक और नरसंहार शासन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि दोस्ताना बर्ताव ही उसके अत्याचारों को बढ़ावा देते हैं।"
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू भी इस मसले पर जरीफ के साथ नजर आए। यह अलग बात है कि इजरायल के तुर्की के साथ भी राजनयिक संबंध हैं। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू का कहना था, "कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अपना नैतिक बल खो दिया है और इज़रायल के लिए आवाज उठाई है," उनका कहना था, “अगर हमारे ही परिवार से आधे-अधूरे बयान आ रहे हैं, तो हम दूसरों की आलोचना कैसे कर सकते हैं? हमारी बातों को कौन गंभीरता से लेगा?”
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