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Post Office की Monthly Income Scheme (MIS) भी इसी श्रेणी में आती है। यह कम जोखिम वाली निवेश योजना है, जिसमें हर महीने ब्याज के रूप में आय होती है। यह स्कीम ऐसे लोगों के लिए है जिन्हें एक बार निवेश के बाद नियमित तौर पर आय की दरकार होती है।
सरकार समर्थित स्कीम होने के कारण देश में Monthly Income Scheme काफी पॉपुलर है। इस स्कीम में निवेश अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें शेयर बाजार से जुड़े रिस्क शामिल नहीं होते हैं। इस स्कीम के तहत ब्याज की दर एक अप्रैल, 2020 से 6.6 फीसद सालाना पर बनी हुई है। हालांकि, पोस्ट-ऑफिस द्वारा ब्याज का भुगतान मासिक आधार पर किया जाता है।
इस स्कीम में 100 रुपये के गुणक के रूप में निवेश किया जा सकता है। इस योजना में न्यूनतम 1000 रुपये का निवेश किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अकेले इस स्कीम में अधिकतम 4.5 लाख रुपये का निवेश कर सकता है। वहीं, संयुक्त तौर पर नौ लाख रुपये तक का निवेश इस स्कीम में किया जा सकता है। ज्वाइंट होल्डर होने पर दोनों की हिस्सेदारी बराबर होती है।
इस स्कीम में ज्वाइंट अकाउंट भी खुल सकता है। हालांकि, अधिकतम तीन व्यस्क ही ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
नाबालिग बच्चे के नाम पर उसके अभिभावक इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
बच्चे के नाम पर खोले गए अकाउंट की लिमिट व्यक्ति द्वारा किए गए निवेश की लिमिट से अलग होगी।
इस स्कीम में खाता खुलने के एक माह पूरे होने के साथ ब्याज मिलना शुरू हो जाता है। मेच्योरिटी की अवधि तक ऐसा जारी रहता है।
अगर हर महीने मिलने वाले ब्याज को अकाउंटहोल्डर नहीं क्लेम करता है तो उस ब्याज की राशि पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता है।
जमाकर्ता अगर कोई अतिरिक्त राशि डिपोजिट करता है तो उसे रिफंड कर दिया जाएगा और अतिरिक्त राशि पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की दर से रिफंड के समय तक ब्याज मिलेगा।
यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि खाता खुलने बाद एक साल की अवधि तक डिपोजिट को वापस नहीं निकाला जा सकता है।
अगर एक साल से तीन साल के बीच अकाउंट बंद किया जाता है तो मूलधन में से दो फीसद की राशि काटकर बाकी रकम लौटा दी जाएगी।
अगर आप तीन से पांच साल के बीच अकाउंट बंद कराते हैं तो आपके मूलधन से एक फीसद की रकम काटकर शेष राशि आपको लौटा दी जाएगी।
संबंधित पोस्ट ऑफिस में एक निर्धारित फॉर्मेट में फॉर्म भरकर पासबुक के साथ जमा करने पर आप मेच्योरिटी से पहले अपना अकाउंट बंद करा सकते हैं।
अकाउंट खुलवाने के पांच साल बाद आप एक फॉर्म भरकर अपना अकाउंट बंद करा सकते हैं।
मेच्योरिटी से पहले अकाउंट होल्डर की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाने पर अकाउंट को बंद किया जा सकता है और जमा राशि अकाउंट होल्डर के नॉमिनी या कानून वारिस को रिफंड कर दी जाती है। जब तक रिफंड प्रोसेस नहीं हो जाता है, उतने दिन का ब्याज पोस्ट ऑफिस की ओर से देय होता है।
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