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भारतीय नौसेना को आज आईएनएस वेला (INS Vela) हमलावर पनडुब्बी मिल गई। प्रोजेक्ट 75 के तहत भारत में बनी यह पनडुब्बी कलवारी क्लास (Kalvari Class) के पहले बैच की 6 पनडुब्बियों में से एक है। यह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुबी है जिसे रक्षा एक्सपर्ट साइलेंट किलर का नाम दे रहे हैं। यह चकमा देकर हमला करने में माहिर है। समुद्र में जब यह गोता लगाती है तो दुश्मन को इसके आने की खबर नहीं लगती।
आईएनएस वेला (INS Vela) सबमरीन को फ्रांसीसी डिजाइन वाली स्कॉर्पिन क्लास (Scorpene Class) की पनडुब्बी के आधार पर बनाया गया है। इसे मझगांव डॉक लिमिटेड ने बनाया है। पूरी तरह से ट्रायल लेने के बाद मझगांव डॉक लिमिटेड ने इसे 9 नवंबर 2021 को हैंडओवर कर दिया है। 25 नवंबर 2021 यानी आज चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया।
आईएनएस वेला पनडुब्बी (INS Vela) 221 फीट लंबी है। इसका बीम 20 फीट का है। ऊंचाई 40 फीट और ड्रॉट 19 फीट का है। इसमें चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगा है। 360X बैटरी सेल्स हैं। इसके अलावा डीआरडीओ द्वारा बनाया गया PAFC फ्यूल सेल भी है। इसे ताकत देने के लिए बेहतरीन इंजन लगाया गया है ताकि बिना आवाज के यह तेज गति से दुश्मन की तरफ हमला कर सके।
समुद्री लहरों पर यह 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। लेकिन जब यह समुद्र के अंदर गोते लगाती है तब इसकी गति 37 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। यह समुद्र के ऊपर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से एक बार में 12 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकती है। जबकि, पानी के अंदर यह 7.4 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से 1020 किलोमीटर की यात्रा करने में सक्षम है।
आईएनएस वेला (INS Vela) पानी के अंदर 50 दिनों तक रह सकती है। यह अधिकतम 1150 फीट की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है। इसमें 8 नौसेना अधिकारी और 35 सैनिक तैनात हो सकते हैं। सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि इसमें दुश्मन पर हमला करने के लिए कौन-कौन सी मिसाइलें और टॉरपीडो लगे हैं।
आईएनएस वेला (INS Vela) में 6x533 मिलिमीटर के टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। जिसमें 18 SUT टॉरपीडो तैनात किये जा सकते हैं। ये जर्मन तकनीक के टॉरपीडो हैं जो 1967 से भरोसेमंद तरीके से दुनियाभर के कई देशों की नौसेनाओं में शामिल किए गए हैं। यह एक ड्यूल परपज हथियार है जिसे जहाज, पनडुब्बी और तटों से भी दागा जा सकता है। इनके बजाय पनडुब्बी में 30 समुद्री माइन्स भी तैनात किए जा सकते हैं। ये दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी से टकराते ही फट पड़ते हैं।
आईएनएस वेला (INS Vela) मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बनाई गई है। वेला (Vela) एक प्रकार की भारतीय मछली है, जो स्टिंग-रे (Sting-Ray) फैमिली में आती है। यह मछली समुद्र की खतरनाक शिकारियों में से एक है। इसका डंक किसी भी जीव को खत्म करने के लिए काफी है। स्टिंग-रे मछली पूरी दुनिया में अपनी चतुरता, घातक हमला, बचाव के तरीकों और आक्रामकता के लिए जानी जाती है।
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