दुनिया में ऐसी कई दुर्लभ बीमारियां है, जिनके बारे में हमने शायद ही सुना हो और इन बीमारियों के इलाज में आने वाला खर्च भी मामूली नहीं होता। मुंबई में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां रहने वाली पांच महीने की बच्ची एक ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसके इलाज का खर्च सुन हर कोई हैरान रह जाएगा। इस बच्ची का मुंबई के सबअर्बन अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

बच्ची तीरा कामत एसएमए टाइप 1 यानी स्पाइनल अस्ट्रोफी नामक एक दुर्बल बीमारी से जूझ रही है। इस बीमारी से ठीक होने के लिए बच्ची को एक ऐसे इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। मीडिया रिपोट्र्स की मानें तो इस बीमारी के इलाज में जो इंजेक्शन कारगर है, वह अमरीका से आने वाला है। इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ बताई जा रही है। इतने महंगे इंजेक्शन को खरीदने में तीरा कामत के माता-पिता सक्षम नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग का सहारा लिया। 

सोशल मीडिया पर पेज बनाकर तीरा का माता-पिता ने क्राउड फंडिंग के जरिए रुपए इकट्ठा कर रहे हैं।बच्ची के ट्रीटमेंट में सबसे बड़ी बात यह थी कि करीब 6.5 करोड़ टैक्स लगना था। स्थिति को देखते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के दखल से मोदी सरकार ने इंजेक्शन पर लगने वाले सभी टैक्स ( 23 फीसदी आयात शुल्क और 12 फीसदी जीएसटी) को माफ कर दिया, जिसकी कीमत करीब 6.5 करोड़ है। इसके लिए देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इंजेक्शन पर लगने वाले सभी टैक्स में छूट देने की गुहार लगाई थी।

अब जल्द ही अमरीका से इंजेक्शन से जीन थेरेपी का उपयोग करके बच्चे का उपचार किया जाएगा। उस पर की जाने वाली सर्जरी से उसे वही जीन वापस मिल जाएगा जो उसके जन्म के दौरान गायब था। बच्ची के माता पिता के मुताबिक, जन्म के समय तीरा बिल्कुल स्वस्थ थी, मगर बाद में धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब होने लगी। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 एक दुर्लभ बीमारी है। जो बच्चे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से पीडि़त होते हैं, उनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं, शरीर में पानी की कमी होने लगती है और स्तनपान करने में और सांस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी बच्चा पूरी तरह से निष्क्रिय सा हो जाता है।