पाकिस्तान के करीबी दोस्त तुर्की (turkey) की हालत इन दिनों बेहद खराब हो चुकी है। सब्सिडी पर सस्ती ब्रेड (subsidized cheap bread) खरीदने के लिए दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगी हैं। यहां तक कि दूध, दवाइयों और दैनिक इस्तेमाल की सभी जरूरी वस्तुएं भी बहुत महंगी मिल रही हैं। महंगाई (inflation in turkey) से त्रस्त जनता अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। लोग महंगाई के लिए राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन (President Recep Tayyip Erdoan) की आर्थिक नीतियों को ही जिम्मेदार मान रहे हैं।

बता दें कि तुर्की की मुद्रा लीरा (turkish currency lira) में भी ऐतिहासिक गिरावट हुई है। सोमवार को भी लीरा में डॉलर के मुकाबले सात फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इस समय एक डॉलर की कीमत 14.20 लीरा है। पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले लीरा 48 फीसदी तक गिर चुकी है। इससे देश में मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई है। जिससे लोगों को भारी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही एफएटीएफ (FATF) की निगरानी सूची में होने के चलते तुर्की में विदेशी निवेश (foreign investment in turkey) भी काफी कम हो गया है।

तुर्की की राष्ट्रीय मुद्रा लीरा (Turkey national currency Lira) में डॉलर के मुकाबले आई इस व्यापक गिरावट का एक सबसे प्रमुख कारण तुर्की के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दर रखने की राष्ट्रपति की अपरंपरागत आर्थिक नीति है। बता दें कि तुर्की में ब्रेड लोगों के भोजन का मुख्य हिस्सा है। एक साल में प्रति व्यक्ति ब्रेड की खपत औसतन 200-300 किलो है। ऐसे में ब्रेड की बढ़ती कीमतों की मार जनता पर पड़ी है। तुर्की में सब्सिडी वाले 250 ग्राम सस्ते ब्रेड की कीमत 6.87 रुपए है। वहीं निजी बेकरी पर 250 ग्राम ब्रेड कम से कम 14 रुपए में मिल रहा है। इसलिए लोग सस्ता ब्रेड खरीदने के लिए लाइनों में खड़े देख जा रहे हैं।