/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/08/13/Indian-naval-exercise-with-saudi-arabia-1628845595.jpg)
भारत अरब देशों में अपने दोस्तों की फौज खड़ी कर रहा है जिसके तहत UAE के बाद अब सऊदी अरब संग युद्धाभ्यास किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि एशिया में जिस तेजी से समीकरण बदल रहे हैं, भारत कुछ भरोसेमंद दोस्तों को साथ ले रहा है। चीन और पाकिस्तान भारत के सामने दोहरी चुनौती है। ताजा हालात में, इजरायल के रूप में भारत का एक खास दोस्त पहले से ही है। अब खाड़ी के देशों में उनसे हाथ मिलाया जा रहा है जो सैन्य जरूरतों के लिहाज से हमारी मदद कर सकते हैं। पाकिस्तान को खाड़ी देशों के समर्थन पर बड़ा गुमान था तो इस बहाने वह घमंड भी चकनाचूर हो रहा है।
जिस सऊदी अरब को पाकिस्तान के नेता अपना 'भाई मुल्क' बताते हैं, उसके साथ इन दिनों भारत की नौसेना युद्ध का अभ्यास कर रही है। गुरुवार को 'अल मोहेद-अल हिंद' नाम के सैन्य अभ्यास का पहला दिन था। पिछले हफ्ते UAE के साथ भी सैन्याभ्यास चला था।
भारत और सऊदी अरब की नौसेनाओं के बीच यह पहला युद्धाभ्यास है। इसमें हिस्सा लेने के लिए गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोच्चि भी पहुंचा हुआ है। इसमें दो सी किंग-42बी हेलिकॉप्टर्स लगे हुए हैं। INS कोच्चि ने पिछले हफ्ते अबू धाबी के पास UAE नौसेना के 'जायद तलवार' के साथ भी युद्धाभ्यास किया था। UAE ने 7 अगस्त के युद्धाभ्यास के लिए गाइडेड मिसाइल कॉर्वेट के अलावा हेलिकॉप्टर्स भी भेजे थे।
भारत की वेस्टर्न फ्लीट का नेतृत्व कर रहे फ्लैग ऑफिसर, रियर एडमिरल अजय कोचर ने सऊदी अरब की पूर्वी फ्लीट के कमांडर से मुलाकात भी की है। दोनों किंग अब्दुल अजीज नेवल बेस पर मिले। एक अधिकारी ने कहा, "द्विपक्षीय सैन्य सम्बंधों को मजबूत करने के अलावा, इस युद्धाभ्यास से दोनों नौसेनाओं को एक-दूसरे के ऑपरेशनल तौर-तरीकों की समझ हासिल होगी।"
सऊदी अरब के साथ यह युद्धाभ्यास के बैकड्रॉप में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के UAE और इजरायल दौरे को भी देखना होगा। UAE के साथ हम पिछले हफ्ते युद्धाभ्यास कर ही चुके हैं। UAE खाड़ी के उन देशों में से हैं जो इजरायल के साथ सम्बंधों को 'सामान्य' करने की दिशा में आगे बढ़कर पहल कर रहे हैं। इजरायल के साथ भारत के मजबूत सैन्य रिश्ते हैं। ऐसे में भारत के लिए सऊदी, UAE और इजरायल की दोस्ती एशिया समेत पूरी दुनिया में उसकी ताकत को और बढ़ाएगी ही।
खाड़ी देशों के साथ सैन्य सम्बंध बढ़ाने की नीति का एक संकेत पिछले साल दिसंबर में भी मिला। तब सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे UAE और सऊदी अरब गए थे। यह किसी सेनाध्यक्ष का इन देशों का पहला दौरा था। मतलब साफ है कि भारत की मंशा खाड़ी के इन दो देशों से रक्षा क्षेत्र में सम्बंधों को मजबूत करने की है जिसका फायदा उसे चीन और पाकिस्तान के खिलाफ मिलेगा।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |