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भारत ने एक ऐसा खतरनाक बम बना लिया है जो दुश्मन के टारगेट को 100 किलोमीटर दूर से तबाह कर सकता है। हाल ही में ओडिशा के तट पर हॉक.आई एयरक्राफ्ट से स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन का सफल परीक्षण किया गया है। यह हथियार 100 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के बंकर या टारगेट को नेस्तानाबूत कर सकता है। हॉक-आई एयरक्राफ्ट को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है। यह विमान आमतौर पर टेस्ट पायलट्स की ट्रेनिंग के लिए होता है लेकिन इसका उपयोग भविष्य में हमले के लिए भी किया जा सकता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हॉक-आई एयरक्राफ्ट को रिटायर्ड विंग कमांडर पी. अवस्थी और रिटायर्ड विंग कमांडर एम पटेल उड़ा रहे थे। उन्होंने स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन को दुश्मन के ठिकाने पर दागा। जो एकदम तय समय में सटीकता के साथ टारगेट पर लगा।
स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन ने तय मानकों को पूरा करते हुए टारगेट को नष्ट कर दिया। इस हथियार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बनाया है। यह पहला स्मार्ट हथियार है जिसे स्वदेशी हॉक-आईएमके132 से फायर किया गया।
स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन 125 किलोग्राम का ग्लाइडिंग बम है। यह बेहद अत्याधुनिक, सटीक और घातक है। यह आसमान में उड़ रहे लड़ाकू विमान से दागा जा सकता हैं। यह 100 किलोमीटर दूर से दुश्मन के बंकर, राडार, टैक्सी ट्रैक्स, रनवे आदि पर घातक हमला कर सकता है।
स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन को इससे पहले जगुआर लड़ाकू विमान से भी दागा गया था। वह परीक्षण भी सफल रहा था। इस ग्लाइडिंग बम को बनाने की अनुमति साल 2013 में मिली थी। मई 2016 में इसका पहला परीक्षण किया गया थां उसके बाद साल 2017, 2018 और सितंबर 2020 में भी इसका सफल टेस्ट किया जा चुका है।
डीआरडीओ के मुताबिक स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन ग्लाइडिंग बम आम बमों से अलग है। यह किसी भी तरह के मौसम में दागा जा सकता है। खराब मौसम भी इसकी सटीकता को हिला नहीं पाएगा। जबकि, आम बमों पर मौसम का असर होता है और वो सटीकता से भटक सकते हैं।
स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन ग्लाइडिंग बम को जगुआर और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। अब तैयारी की जा रही है कि इस ग्लाइडिंग बम को राफेल के साथ भी जोड़ा जाए।
आपको बता दें कि ग्लाइडिंग बम एक तरीके का गाइडेड हथियार होता है जो टारगेट को लॉक करके उसे नष्ट कर देता है। यह मिसाइल या रॉकेट से सस्ता पड़ता है लेकिन दुश्मन को रुला देता है। यह इतना घातक होता है कि कॉन्क्रीट से बने मोटे बंकर तक को ध्वस्त कर सकता है या फिर दुश्मन के टैंक को।
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