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भारत और अंतरिम तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों ( Indian delegation) ने अफगानिस्तान पर परामर्श के मास्को प्रारूप की तीसरी बैठक से मुलाकात की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जेपी सिंह (JP Singh) ने किया, जबकि तालिबान (Taliban) के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अंतरिम अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार के डिप्टी पीएम मौलवी अब्दुल सलाम हनफी (deputy PM Maulvi Abdul Salam Hanafi) ने किया।
तालिबान (Taliban) ने एक बयान में दावा किया कि दोनों पक्षों ने "एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखा और राजनयिक और आर्थिक संबंधों में सुधार किया"। तालिबान के अनुसार, भारत ने मानवीय सहायता प्रदान कर ने का आश्वासन दिया है। बता दें कि बैठक में रूस और भारत (Russia and India) दोनों द्वारा इस मुद्दे पर आरक्षण के बीच तालिबान की मान्यता पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है।
बताया गया है कि रूस, जो तालिबान के साथ संपर्क का पक्षधर है, समूह को जल्दबाजी में मान्यता देने का इच्छुक नहीं है। भारत, रूस, ताजिकिस्तान और ईरान ने अफगानिस्तान में समावेशी सरकार की कमी पर अफसोस जताया है। मॉस्को फॉर्मेट मीटिंग के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रतिभागियों ने आधिकारिक तौर पर इसे मान्यता दिए बिना तालिबान सरकार (Taliban government) के साथ संपर्कों पर ध्यान केंद्रित किया।
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