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भारत अपनी वैक्सीन निर्माण और उत्पादन क्षमता की एक बानगी दुनिया के सामने पेश करेगा। इस कड़ी में दुनिया के करीब 64 देशों के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिकों को बुधवार 9 दिसम्बर की सुबह हैदराबाद ले जाया गया है। विदेशी राजनयिकों को कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई जैसी देसी कंपनियों को दिखाया जाएगा।
विदेश मंत्रालय की मेजबानी में हैदराबाद पहुंचे विदेशी राजनयिकों का दल भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई जैसी कंपनियों में वैक्सीन निर्माण क्षमताओं की बानगी पेश की जाएगी। दोनों ही कंपनियां कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन निर्माण और उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। भारत बायोटेक ने जहां कोवैक्सीन नामक टीका विकसित किया है वहीं बायोलॉजिकल-ई कम्पनी के साथ अमेरिका के ओहायो स्टेट इनोवेशन फंड ने नई वैक्सीन तकनीक में साझेदार बनाई है।
हैदराबाद पहुंचे राजनयिक
सभी आमंत्रित राजनयिकों को बुधवार सुबह एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान से हैदराबाद ले जाया जाया गया है। भारत की वैक्सीन राजधानी कहलाने वाले हैदराबाद में विदेशी राजदूतों का दल उस जीनोम वैली इलाके में जाएगा, जहां भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई समेत कई देसी कंपनियां हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरे के सहारे भारत की कोशिश जहां अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमताओं की बानगी दिखाने की होगी। वहीं देसी कोविड19 टीकों के लिए बाजार तलाशने का भी प्रयास होगा. इस दौरे की तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी के म्युताबिक उस तरह के दौरे के सहारे स्वाभाविक रूप से इस बात की कोशिश होगी कि अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य एशिया के मुल्कों में भारतीय टीकों के लिए सम्भावित खरीददारी भी मिल सकें.
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