देश में कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट देखी जा रही है। कोरोना के मामले वैसे तो बढ़ते ही जा रहे हैं थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना साल 2020 से भी ज्यादा तेजी से फैल रहा है। फिर से देश के कई राज्यों में लॉकडाउन के हालात बन गए हैं। इन हालातों में अर्थव्यवस्था की 'भरपाई' के लिए भारत को अधिक तेज आर्थिक वृद्धि दर्ज करने की बहुत ही जरूरत है।


अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बताया है कि चालू वर्ष में भारत की वृद्धि दर प्रभावशाली 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। IMF की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत की बड़ी गिरावट से उबरने के लिए भारत को अधिक तेज वृद्धि दर्ज करने की जरूरत है और अगर नहीं किया जाता है तो देश की अर्थव्यवस्था बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी।


IMF की उप-मुख्य अर्थशास्त्री पेट्या कोवा ब्रुक्स ने बताया कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन की भी वकालत करते हुए कहा कि  ''जब भारत की बात आती है, तो पिछले वित्त वर्ष में उत्पादन में बड़ी गिरावट आई थी। जैसा आप बता रहे हैं कि यह गिरावट आठ प्रतिशत है ''। उन्होंने बताया कि ''महामारी के नए प्रकार के बीच स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन से सुधार के रास्ते में कुछ जोखिम है।''