रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) (DRDO) ने देश में ही विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली ‘प्रलय’ मिसाइल (Pralay ballistic missile) का गुरूवार को लगातार दूसरा सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा में डा ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप पर लगातार दूसरे दिन किया गया। बुधवार को इस मिसाइल का पहला परीक्षण किया गया था। 

परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने मिशन के सभी लक्ष्यों को पूरा किया। इस परीक्षण से मिसाइल दोनों कॉन्फिग्रेशन में सफलता की कसौटी पर खरी उतरी है। आज के परीक्षण में प्रलय को भारी पेलोड और अलग अलग दूरी के लिए दागा गया तथा इसका निशाना सटीक रहा। इस दौरान मिसाइल की अनेक उपकरणों से निगरानी की गयी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी (G Satheesh Reddy) ने परीक्षण से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी है।

जमीन से जमीन पर मार करने के लिए बनाई गई प्रलय (Pralay) शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (Short Range Ballistic Missile) है।  डीआरडीओ ने इसे पृथ्वी मिसाइल प्रणाली (Prithvi Missile Sytem) पर बनाया है, चूंकि इस मिसाइल की रेंज 150 से 500 किलोमीटर है। इसलिए इसके कई परीक्षण होने हैं। अलग-अलग रेंज पर परीक्षण किए जा सकते हैं। दूसरा परीक्षण भी इसके रेंज की सटीकता को जांचने के लिए किया गया है। दोनों ही परीक्षणों के दौरान मिसाइल ने सभी तय मानकों को पूरा किया।

‘प्रलय’ (Pralay ballistic missile) ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है। मिसाइल निर्देशक प्रणााली में अत्याधुनिक नौवहन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं। इस सफलतापूर्वक परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा था कि पहले परीक्षण के लिए डीआरडीओ और इससे जुड़ी टीम को बधाई। उन्होंने कहा, ‘सतह से सतह पर मार करने वाले आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए मैं बधाई देता हूं,आज महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई।’ वहीं डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि नई पीढ़ी की मिसाइल से सशस्त्र बलों को और ताकत मिलेगी।