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देश की पोल्ट्री इंडस्ट्री कोरोना की मार से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई है कि इसे इस साल के आरंभ में ही बर्ड फ्लू के प्रकोप का कहर झेलना पड़ गया। हालांकि केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि इस साल जून तक भारत बर्ड फ्लू से मुक्त हो जाएगा और यह कामयाबी पिछले साल से तीन महीने पहले ही पूरी हो जाएगी।
केंद्रीय पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक ने कहा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए इस साल जिस तरह से त्वरित कदम उठाते हुए जरूरी उपायों पर अमल किया गया है, उससे लगता है कि जून के आखिर तक देश बर्ड फ्लू से मुक्त हो जाएगा। बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा का प्रकोप भारत में पिछले कुछ साल से लगातार देखने को मिल रहा है और पिछले साल 30 सिंतबर को देश बर्ड फ्लू से मुक्त हुआ था, जबकि इस साल तीन महीने पहले ही यह कामयाबी हासिल करने की उम्मीद की जा रही है।
डॉ. मलिक ने कहा, पीओएसपी (पोस्ट ऑपरेशन सर्विलांस प्लान) के दूसरे चक्र में मध्यप्रदेश के सभी प्रभावित इलाके निगेटिव पाए गए हैं, मतलब प्रकोप से मुक्त पाए गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में पहले जो प्रभावित जोन सामने आए थे, वहां पीओएसपी समाप्त हो गया है और सैनिटाइजेशन भी हो गया है। उन्होंने बताया कि केरल में पहले ही बर्ड फ्लू का प्रकोप समाप्त हो गया है और हरियाणा में भी स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि एक-दो जगह कलिंग यानी पक्षियों को मारने का काम नहीं हो पाया है।
पशुपालन सचिव ने कहा, जंगली पक्षियों में बीमारी है, इसलिए इससे पूरी तरह मुक्ति को लेकर कुछ दावा नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस बीमारी से निपटने के लिए हमारी कोशिशें लगातार जारी है। प्रदेश सरकारों की तरह से भी बेहतर सहयोग मिला है, जिससे हम उम्मीद करते हैं कि इस साल जून के आखिर तक भारत बर्ड फ्लू से मुक्त हो जाएगा। डॉ. मलिक ने बताया कि दुनिया में बर्डफ्लू की बीमारी 1996 में प्रकाश में आई, लेकिन भारत के इस बीमारी की चपेट में 2006 में आने से एक साल पहले 2005 में ही इससे बचाव की कार्ययोजना बना ली गई थी। देश में हर साल तीन से चार राज्यों में बर्ड फ्लू का प्रकोप देखा जाता था, लेकिन इस साल एक दर्जन से ज्यादा राज्य इसकी चपेट में आ गए। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र के एक-दो फार्म में अब तक बर्ड फ्लू के मामले मिले हैं, जबकि अन्य राज्यों को बर्ड फ्लू मुक्त जोन बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
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