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भारत और चीन सेना के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव चल रहा है। इस मामले को सुलझाने के लिए कई बार दोनों देशों के सेनापतियों ने बैठक की लेकिन यह मामला ठंडा होने के बजाए ज्यादा बढ़ गया है। अब तो दोनों देशों के बीच युद्ध होने तक बात पहुंच गई है। इसी मामले को लेकर दोनों देश की सेनाएं जंग के लिए तैयार है। हालातों का मुआइना करने के लिए शीर्ष कमांडर दौरा करेंगे।
कमांडरों ने कहा कि संसाधनों के तर्कसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक प्रथाओं और गैर-सैन्य गतिविधियों में कटौती जैसे लंबे समय से लंबित सुधार के उपायों पर विचार करेंगे। बताया जा रहा है कि सेना के जनरल जनरल एमएम नरवणे सेना कमांडरों के सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि एक शीर्ष स्तर की द्वैमासिक घटना है जो विचार-विमर्श के कॉलेजिएट सिस्टम के माध्यम से महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय तैयार करती है।
इस 4 दिन के दौरे में सभी सेना कमांडर, सेना मुख्यालय के प्रधान कर्मचारी अधिकारी (PSO) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल करणवीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया कमांडरों से मुलाकात करेंगे। इसी के साथ सेना के कमांडर पूर्वी लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की स्थिति सहित राष्ट्र के सामने सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे।
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