/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/02/18/army-1613654443.jpg)
पैंगोंग के बाद अब भारत और चीन की सेनाएं रेजांग-रेचिन ला से पीछे हटने जा रही है जिसके लिए सहमति बन चुकी है। भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया जारी है। गुरुवार को दोनों देशों के बीच इस प्रक्रिया का चौथा स्टेप भी शुरू हो गया है। समझौता होने के बाद दोनों ही देश तेजी से अपने सैनिकों, हथियारों और टैंकों को वापस बुला रहे हैं।
डिसएंगेजमेंट के इस स्टेप में रेजांग ला और रेचिन ला से सेनाओं को पीछे हटना है। चीनी सेना पैंगोंग लेक के दक्षिणी हिस्से से तेजी से पीछे हट रही है यहां उन्होंने बनाए गए स्ट्रक्चर्स को भी नष्ट कर दिया है। आपको बता दें कि बीते साल अप्रैल में शुरू हुए विवाद के बाद इसी महीने दोनों देशों में समझौता हुआ है। जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू किया है। पैंगोंग लेक पर डिसएंगेजमेंट की इस प्रक्रिया का पहला फेज़ 24 से 48 घंटे में पूरा हो जाएगा, जिसके बाद दोनों ही सेनाएं इसका वेरिफिकेशन करेंगी।
समझौते के मुताबिक, जब दोनों ही देश वेरिफिकेशन कर लेंगे और उसके बाद उम्मीद की जा सकती है कि दोनों ही देशों में कमांडर लेवल की बातचीत का दसवां दौर शुरू हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक अब लद्दाख की पैंगोंग लेक में चीन फिंगर 8 तक वापस जाएगा। जबकि भारत फिंगर 3 पर वापस आ जाएगा। इस दौरान जबतक दोनों देश अपनी पूरी सेना को वापस नहीं बुला लेते हैं, तबतक पैंगोंग लेक के इलाके में पेट्रोलिंग पर रोक रहेगी।
भारत के नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा है कि भारत ने इस पूरी प्रक्रिया में अपना क्षेत्र बिल्कुल भी नहीं गंवाया है, जबकि देश के जवानों ने चीनी सेना का डटकर सामना किया था।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |