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भारतीय क्रिकेट टीम नए कप्तान और नए कोच के मार्गदर्शन में इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट में सीरीज जीतने के लक्ष्य के साथ उतरेगी जबकि इंग्लैंड का लक्ष्य इस मैच को जीतकर सीरीज ड्रा कराना होगा। पिछले साल पांच मैचों की सीरीज में चार टेस्ट खेले गए थे और कोरोना के कारण पांचवां टेस्ट नहीं हुआ था। यही पांचवां टेस्ट एक साल बाद जाकर अब खेला जा रहा है।
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भारतीय टीम चार में से दो टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-1 से आगे है। सीरीज जीतने के लिए उसे यह मैच जीतना या ड्रा कराना है। हालांकि पिछले साल की तरह इस साल भी भारत और इंग्लैंड दोनों टीमें कोरोना से जूझ रही हैं। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और अब टेस्ट रद्द या स्थगित होने जैसी कोई बात नहीं है। हाल ही में खत्म हुए इंग्लैंड-न्यूजीलैंड सीरीज के दौरान भी दोनों टीमों के कुछ खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव हुए लेकिन सीरीज जारी रखने पर कोई सवाल नहीं उठा।
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इसी तरह यह टेस्ट मैच भी तय समयानुसार होगा। जब यह सीरीज शुरू हुई थी तो रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच थे, अब वह कॉमेंटेटर के रूप में इस सीरीज को खत्म करेंगे। मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल इस सीरीज में दो सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे लेकिन अब दोनों ही इस टेस्ट मैच से बाहर हैं। रोहित कोरोना संक्रमित हैं। बुधवार को उनका कोरोना टेस्ट फिर पॉजिटिव आया था। हालांकि भारत के पास मयंक अग्रवाल के रूप में विकल्प मौजूद है, जिनकी चोट के कारण केएल राहुल ने यह सीरीज एक सलामी बल्लेबाज के रूप में खेली थी। भारत के नए कोच राहुल द्रविड़ और नए कप्तान जसप्रीत बुमराह हैं। पिछले साल टीम के कप्तान विराट कोहली थे जो इस बार विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं।
भारतीय टीम के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक इशांत शर्मा भी अब टीम के साथ नहीं हैं। वह सिर्फ 33 साल के हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेल लिया है। हालांकि कोई भी उनको लेकर भावुक नहीं है। कोई हो भी क्यों? भारत के पास पहले से ही मोहम्मद सिराज के रूप में उनका विकल्प मौजूद है। इसके अलावा प्रसिद्ध कृष्णा भी लाइन में हैं, जिनका वनडे औसत 17 और प्रथम श्रेणी औसत 18 का है। रविचंद्रन अश्विन भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं लेकिन उनका भी इस सीरीज के एक मैच में भी ना खेलना बताता है कि भारतीय टीम में कितनी गहराई है। अगर रोहित इस मैच के लिए उपलब्ध होते हैं तो कम से कम भारत उन आठ खिलाड़ियों के साथ उतर सकता है, जिन्होंने इस सीरीज का चौथा मैच भी खेला था। वहीं इंग्लैंड पिछले साल के मुक़ाबले बहुत बदल गया है। उनके कप्तान और कोच बदल गए हैं और उनके खेलने का तरीका बदल गया है। पिछले साल ओवल में इस सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेलने वाले सिर्फ चार इंग्लिश खिलाड़ी इस मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे। इंग्लैंड की इसी टीम ने तीन महीने पहले 154 ओवर की दो पारियों के दौरान सिर्फ 324 रन बनाए थे और इस दौरान उनके सिर्फ 10 विकेट गिरे थे। लेकिन ब्रेंडन मैकुलम के आने और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद टीम का रवैया पूरी तरह से बदल चुका है। मैकुलम की नीति है- डर से पीछे नही भागो बल्कि डर का ही पीछा करो, जिसे उनके कप्तान और टीम ने पूरी तरह से मैदान पर उतारा है।
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