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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) (DRI) के अधिकारियों की एक टीम मंगलवार को उत्तर प्रदेश के कन्नौज में कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के परिसर पहुंची, जहां पर अभी भी महानिदेशक आपूर्ति एवं परिवहन (डीजीएसटी) की छापेमारी जारी है। जानकारी के अनुसार, डीआरआई पीयूष जैन के खिलाफ एक अलग मामला दर्ज करने पर विचार कर रहा है और यह छापे के दौरान बरामद सोने के समग्र मूल्य को तय करने में जीएसटी (GST) अधिकारियों की मदद करेगा। बता दें कि पीयूष जैन के दोनों घरों से मिली नकदी को मिला दें, तो यह 194 करोड़ बैठती है। इसके अलावा मंगलवार को 64 किलो सोना भी सरकारी खजाने में पहुंचाया गया। उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी के घर से इतना रुपया निकला है।
एक जीएसटी अधिकारी ने कहा, सोमवार को, एक भूमिगत भंडारण में छिपा हुआ 23 किलोग्राम सोना (23 kg gold) और 600 किलोग्राम चंदन का तेल (600 kg sandalwood oil), जिसका बाजार मूल्य लगभग 6 करोड़ रुपये था, उसके कार्यालय और कारखाने के परिसर से जब्त किया गया था। चूंकि बरामद सोना विदेशी मार्किंग वाला है, इसलिए डीआरआई को आवश्यक जांच के लिए लगाया गया है। संपर्क करने पर डीआरआई अधिकारियों ने अधिक जानकारी नहीं दी, हालांकि, उन्होंने कहा कि छापेमारी खत्म होने के बाद वे टिप्पणी करने में सक्षम होंगे। डीआरआई अधिकारी की छह सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह पीयूष जैन के परिसर में पहुंची। विशेष अदालत ने सोमवार को जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) (DGGI) की अहमदाबाद इकाई ने 22 दिसंबर को कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के कारखाने परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर के कार्यालय गोदामों और कानपुर, कन्नौज और मुंबई में मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के आवासीय/कारखाना परिसरों पर छापेमारी की थी। बिना किसी जीएसटी कागजात के माल से भरे चार ट्रकों को जीएसटी अधिकारियों ने रोक लिया था। कारखाने में रखे गए वास्तविक स्टॉक को रिकॉर्ड में दर्ज स्टॉक से जोड़ा गया और जीएसटी अधिकारियों ने कच्चे माल और तैयार उत्पादों की कमी पाई। इसने आगे पुष्टि करते हुए कहा कि निर्मार्ता एक ट्रांसपोर्टर की मदद से माल को गुप्त रूप से हटाने में लिप्त था, जो फर्जी इनवाइस जारी करता था। जीएसटी अधिकारियों ने अब तक 200 फर्जी इनवाइस बरामद की हैं।
पान मसाला उत्पादों के ब्रांड शिखर के निर्माताओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी कर देनदारी के लिए 3.09 करोड़ रुपये जमा किए हैं। जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर तक बरामद और जब्त की गई कुल बेहिसाब नकदी 186.45 करोड़ रुपये है। सीबीआईसी अधिकारियों द्वारा नकदी की यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है। अधिकारियों ने कहा कि परिसर से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
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