
त्रिपुरा के धलाई गांव के रहने वाले स्वप्न देबबर्मा और उनकी बेटी सोमती ने 15 जून को एक बड़ी रेल दुर्घटना होने से बचाई थी। जिस ट्रेन को इन्होंने दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया, उसमें करीब 2 हजार लोग बैठे हुए थे. अब उन्हें उनके इस साहसिक काम के लिए राज्य के मंत्री ने अपने घर पर बुलाया और उनके साथ नाश्ता किया।
Agartala: Minister Sudip Roy Barman called at his residence, S Debbarma&his daughter Somati,locals of Dhalai's Ambassa, who averted a train accident on June 15 by waving their shirts at it after they spotted a stretch of railway track affected due to a landslide. (21.06) #Tripura pic.twitter.com/jrTN8n8klA
— ANI (@ANI) June 22, 2018
त्रिपुरा में पिछले दिनों बाढ़ के कारण हालात खराब थे. जगह जगह जमीन धसकने से कई दुर्घटनाएं हो रही थीं. 15 जून को एक रेल ट्रेक जमीन धसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. इसी ट्रेक से एक ट्रेन गुजरने वाली थी. ट्रेन इस ट्रेक से गुजरती और बड़ी दुर्घटना होती, उससे पहले ही यहां के स्थानीय निवासी स्वप्न देबबर्मा और उनकी बेटी सोमती ने एक कपड़ा दिखाकर ट्रेन को रोक लिया।
त्रिपुरा के स्वास्थ्य और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने कहा, अगर ये दोनों बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए उस ट्रेन को नहीं रोकते तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. जैसे मैंने इनके बारे में सुना, इन्हें अपने घर पर बुलाया और उनके साथ नाश्ता किया।
इससे पहले त्रिपुरा विधानसभा में दोनों पक्षों ने स्वप्न देबबर्मा और उनकी बेटी को धन्यवाद दिया था. जब उन्हें धन्यवाद दिया गया तब वह दोनों विधानसभा की वीआईपी गैलरी में मौजूद थे. मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने जीरो आवर में ये मुद्दा उठाते हुए दोनों को पुरस्कृत करने के लिए कहा. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से इन दोनों का नाम केंद्र और रेलवे को भी भेजने का अनुरोध किया. ताकि दोनों को सम्मान और सहायता दी जा सके।
क्या हुआ था 15 जून को
15 जून को उत्तरी त्रिपुरा के धलाई जिले में अंबासा में देबबर्मा और उनकी बेटी रेलवे लाइन के किनारे किनारे जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें एक जगह लैंड स्लाइड के कारण रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त दिखाई दिया. इसके बाद उन्होंने जब आगे जाकर ट्रेन को उस ट्रेक पर आते हुए देखा तो देबबर्मा ने अपनी शर्ट उतारकर ट्रेन को रोकने का इशारा किया. ट्रेन के ड्राइवर सोनू कुमार मंडल ने कहा, अगर हम उनका इशारा समझकर ट्रेन नहीं रोकते तो बहुत बड़ा हादसा होना तय था।
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