
पारिवारिक व्यावसायिक पृष्ठभूमि और बड़ी आकांक्षाओं के साथ सूरत के छह चाइल्डहुड दोस्तों ने अपने तरीके से व्यवसायी बनने का सपना देखा। 2012 में इन दोस्तों ने अपना हाई स्कूल कंपलीट किया। प्रियांक वोरा, मिलन गोपानी, हिरेन शेटा, महतवा शेटा, उमेश गजेरा और चेतन कनानी भले ही 10वीं के बाद अपने तरीके से आगे बढ़े लेकिन वे सभी एक दूसरे के टच में रहे। अल्पिनो के सह-संस्थापक चेतन कनानी कहते हैं, "हम लगातार कई आइडियाज पर चर्चा करते रहे, ट्रेड फेयर गए, और साथ ही अपनी स्टडी को भी मैनेज किया।"
2015 में, स्नातक करने के बाद उन्होंने भारत में सप्लीमेंट और हेल्थ से जुड़े विकल्पों को देखना शुरू किया। जल्द ही, उन्हें पता चला कि प्रोटीन विकल्प के रूप में व्हे (whey) और स्वस्थ वसा (healthy fats) के रूप में मूंगफली का मक्खन (पीनट बटर peanut butter) भारत में लोकप्रिय नहीं थे। चेतन कहते हैं, 'भारत का 90 प्रतिशत पीनट बटर निर्यात होता है। हम सोच रहे थे कि अगर यहाँ मूंगफली उगाई जाती है, तो यहाँ मूंगफली का मक्खन क्यों नहीं बनाया जाता? कंपटीशन एनालिसिस से पता चला कि हमें कैटेगरी मार्केटिंग के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी।"
यहां अल्पीनो के सह-संस्थापकों से जानिए कैसे उनकी कंपनी भारत के सबसे अच्छे मूंगफली मक्खन ब्रांडों में से एक बन गई:
कोई खास शुरुआत नहीं
अपने ग्राहकों के पिनकोड को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने पाया कि उनके हर प्रोडक्ट्स को हरियाणा, पंजाब या दिल्ली में खरीदा गया था। उन्होंने महसूस किया कि बड़े पैमाने पर पहुंचने के लिए, उन्हें डिस्ट्रीब्यूशन का निर्माण करना होगा। जल्द ही, उन्होंने नॉर्थ में 15 डिस्ट्रीब्यूटर्स सेटअप किए जिन्होंने एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट्स के जरिए पीनट बटर बेंचा। कंपनी को इसका लाभ मिला और 2017 में उन्होंने हर महीने 50 पीनट बटर की पेटियां बेंची। चेतन कहते हैं, 'हम बाहर निकले और बॉडीबिल्डर्स को पीनट बटर के फायदों के बारे में बताया, यहां तक कि हमने अपना प्रोडक्ट एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य और फिटनेस फाउंडेशन में भी पेश किया। कुछ समय बाद लोगों ने हमारे प्रोडक्ट ते सैंपल लेना शुरू कर दिया।'
पीनट बटर का बाजार
अल्पिनो की योजना कुछ वर्षों में 50 करोड़ रुपये का कारोबार करने की है। इसे हासिल करने के लिए उनकी योजना 200 डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ काम करने की है। भारत एक फिटनेस रेवुलेशन से गुजर रहा है और कंपनी उस पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। डेलॉइट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिटनेस उद्योग की कीमत 1.1 बिलियन है।
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