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पिछले पांच दिनों में सोने के भाव में काफी गिरावट आ चुकी है। सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव करीब 2000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर चुका है और इस दौरान चांदी को 2303 रुपये प्रति किलो की चपत लगी है। अगर सोने के ऑल टाइम हाई रेट से तुलना करें तो गोल्ड 9017 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। वहीं चांदी पिछले साल के अपने उच्चतम मूल्य से 8585 रुपये तक सस्ती हो चुकी है। सोने में आई गिरावट को देखते हुए लोग ये क्यास लगाने शुरू कर दिए हैं कि इसका भाव एक बार फिर 45000 के करीब आएगा।
सोने में गिरावट की वजह
डॉलर इंडेक्स में तेजी की वजह से सोने में गिरावट आई है। इसके अलावा इक्वटी मार्केट में अनिश्चितता कुछ कम हुई है और मार्जिन बढ़ने की वजह से पिछले दो दिन में ज्यादा गिरावट आई है, लेकिन यह गिरावट अस्थाई है। लॉन्ग टर्म में तेजी आएगी।
भारत के साथ दुनियाभर के शेयर बाजार नई ऊंचाई पर हैं। अब निवेशकों को लग रहा है कि सोने की कीमत में गिरावट आ रही है। जबकि शेयरों में बहुत जल्दी मुनाफा हासिल हो रहा है। इससे निवेशक सोने से पैसा निकालकर शेयरों में लगा रहे हैं। इस बिकवाली की वजह से भी सोने में गिरावट जारी है।
सोने में फिर लौट सकती है तेजी
ग्लोबल मार्केट में लोवर इंट्रेस्ट रेट है, ईटीएफ में अभी भी खरीददारी चल रही है, इक्विटी मार्केट में वैल्युएशन हाई है और कोई भी करेक्शन सोने में तेजी लाएगा। सोने में निवेश करना है है तो अभी निवेशकों को 46000 से 46500 पर खरीदारी करनी चाहिए। एक दो महीने में इसकी कीमत 50000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर जा सकती है।
सोना 52 हजार रुपये के स्तर पर पहुंच सकता है
सूत्रों के मुताबिक अगर अमेरिका को प्रोत्साहन पैकेज मिलता है तो सोने की कीमतें और नीचे आ सकती हैं। वहीं प्रोत्साहन पैकेज में देरी करने या नहीं देने की स्थिति में सोने की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है। अगले एक साल में सोना 52 हजार रुपये के स्तर पर पहुंच सकता है। दिवाली तक सोने की 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।
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