पेट्रोल और डीजल की  कीमतें आसमान छूती कीमतों के बीच भारत में पिछले 12 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी से चलने वाली कारों की बिक्री में पहले से कहीं ज्यादा तेजी देखी गई है। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री अभी भी देश में कुल गाड़ियों की बिक्री को मुकाबले काफी कम है, लेकिन इसमें पिछले साल की मुकाबले इसमें भी काफी वृद्धि देखी गई है।

भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री इस साल अकेले नवंबर महीने में 42,067 यूनिट्स की रही, जबकि नवंबर 2020 में 12,858 यूनिट्स की ही बिक्री हुई थी। इस साल अप्रैल से, इस महीने की शुरुआत तक भारत में लगभग 1.98 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री दर्ज की गई है। वहीं सीएनजी गाड़ियों की बात करें तो इसमें भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। देश में पिछले 8 महीनों में 1,36,357 सीएनजी यूनिट्स की बिक्री हुई। नवंबर तक सीएनजी कारों की बिक्री में 56 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

पेट्रोल या डीजल कारों के मुकाबले सीएनजी कारों को चलाने में कम खर्च आता है, जिबकी इलेक्ट्रिक कारें भी चलाने में काफी किफायती साबित हो रही है। हम यहां आपको इलेक्ट्रिक कार की तुलना में सीएनजी कार रखने के फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे है।

CNG गाड़ी खरीदने के फायदे

सीएनजी कारें  भारत में काफी समय से चल रही है जो नेचुरल गैस पर चलती हैं। मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर जैसी कई कार मैन्युफैक्चरर कंपनियों की कुल बिक्री में सीएनजी गाड़ियों का आंकड़ा बहुत ज्यादा रहता है। सीएनजी गाड़ी खरीदने का सबसे बड़ा फायदा महंगे पेट्रोल डीजल से छुटकार और गाड़ी चलाने में कम खर्च आना है। सीएनजी के रेट में हाल में इजाफा हुआ है लेकिन इसके बावजूद यह पेट्रोल और डीजल की कीमतों से काफी सस्ता है। पिछले एक साल में तेल  की कीमतों में रिकार्ड तेजी के बाद सीएनजी कार की अहमियत ज्यादा हो गई है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 95.41 रुपये है वहीं सीएनजी की कीमत 53.04 रुपये है। सीएनजी कार में पेट्रोल पर भी चलाने का विकल्प रहता हैं। अगर आपकी कार में सीएनजी खत्म हो जाती है, तो कार को अगले सीएनजी फ्यूल स्टेशन तक ले जाने में आप पेट्रोल का इस्तेमाल कर सकते है। 

सीएनजी नैचुरल गैस होने से यह पेट्रोल डीजल के मुकाबले पर्यावरण के लिहाज से अच्छा विकल्प है। आपको याद दिला दें कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या के चलते ऑड-ईवन में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए सीएनजी कारों को चलाने की भी छूट दी थी। 

CNG गाड़ी खरीदने के नुकसान 

सीएनजी कार खरीदने का मतलब ऐसा बिल्कुल नही हैं कि आपको कोई भी समस्या नही होगी। गाड़ी में सीएनजी किट लगने के बाद सामान रखने की एक बड़ा हिस्सा सिलेंडर रखने में इस्तेमाल हो जाता है। सीएनजी किट आमतौर पर कार के बूट स्पेस में लगाई जाती है जिससे यात्रियों के लिए वाहन में अपना भारी सामान रखना मुश्किल हो जाता है।

सीएनजी गाड़ी ना खरीदने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि कुछ राज्यों को छोड़कर कई में सीएनजी स्टेशन नही है जिससे ऐसी गाड़ी को दूसरे राज्य में ले लंबी दूरी तक ले जाना मुश्किल हो जाता है। 

फ्यूल के तौर पर सीएनजी का इस्तेमाल एक समय के बाद कार की पर्फोर्मेंस पर असर डालता है। पेट्रोल या डीजल इस्तेमाल करते कार का पावर आउटपुट 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है। हालांकि, तेल की महंगाई को देखते हुए इस बात को लेकर ज्यादातर लोग समझौता कर लेते है। 

इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे

भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को हाल ही में प्रोत्साहन मिला जब कई राज्यों ने अपनी व्यक्तिगत इलेक्ट्रिक कार पॉलिसी का भी ऐलान किया। ये ईवी पॉलिसी लोगों को इलेक्ट्रिक कारों पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित करती है। अब भी, EV खरीदने पर कुछ स्थानों पर RTO शुल्क या रोड टैक्स नहीं लगता है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान

जब इलेक्ट्रिक कार की कीमत की बात की जाती है तो भारत में ईवी अभी काफी महंगी है। इसकी महंगी बैटरी से कार की कीमत बढ़ जाती है। यहां तक कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की कीमत उनके ICE समकक्षों की तुलना में बहुत अधिक है। यह उन ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी डील-ब्रेकर में से एक है जो ईवी में शिफ्ट होना चाहते हैं।