आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिम में स्थित माउंट फैगराडैल्सफाल में करीब तीन हफ्ते से विस्फोट हो रहा है। लेकिन अब इस ज्वालामुखी का लावा दूसरी दरार से निकलने लगा है। इसे 5 अप्रैल को कुछ हाइकर्स ने देखा था। ये मुख्य विस्फोट वाली जगह से करीब एक किलोमीटर दूर है। अब आइसलैंड के ज्वालामुखी के एक्सपर्ट लावा उगलती इस नई दरार की जांच कर रहे हैं।

गेल्डिंगा घाटी स्थित माउंट फैगराडैल्सफाल के मुख्य विस्फोट वाली जगह से एक किलोमीटर दूर जो नई दरार बनी है, वो करीब आधा किलोमीटर लंबी है। अब इस दरार से लावा, राख और जहरीला धुआं निकल रहा है। हालांकि आइसलैंड के वैज्ञानिकों ने इससे किसी तरह के नुकसान की आशंका से मना किया है, लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इस इलाके में आने से मना कर दिया गया है। क्योंकि किसी को नहीं पता कि ज्वालामुखी की अगली दरार किस जगह फट पड़ेगी।

यह ज्वालामुखी रेकजाविक शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर है। माउंट फैगराडैल्सफाल ज्वालामुखी फटने की वजह से 1640 फीट ऊंची लावे की आकृति बन गई है। इस ज्वालामुखी ने पिछले चार दिनों में 5 करोड़ वर्ग फीट लावा उगला है। कई बार तो लावे का फव्वारा 300 फीट की ऊंचाई तक जा रहा है।

आइसलैंड यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट प्रोफेसर मैग्नस तुमी गडमुंडस्सन ने कहा कि ये ज्वालामुखी अभी फटता ही रहेगा। हो सकता है कि ये एक दिन में बंद हो जाए या फिर एक महीने तक ऐसे ही फटता रहे। साल 2010 के बाद आइसलैंड में यह इस तरह की पहली घटना है।

सवाल ये है कि आखिरकार इतने सालों से शांत पड़ा ज्वालामुखी अचानक कैसे फट गया? आइसलैंड में ज्वालामुखी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। हर चार-पांच साल में एक ज्वालामुखी बड़ा विस्फोट तो कर ही देता है। कारण ये है कि ये देश भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहां सबसे बड़ा भूकंप साल 2014 में आया था।

साल 2014 से लेकर अब तक आइसलैंड में हर साल 1000 से 3000 भूकंप आए हैं। लेकिन दिसंबर 2019 से भूकंपों की गतिविधि अचानक से बढ़ गई है। इसकी वजह जानने के लिए साइंटिस्ट अब भी जुटे हैं। सिर्फ पिछले हफ्ते ही आइसलैंड में 18 हजार भूकंप आए हैं। जिसमें से रविवार को 3000 भूकंप आए। इसमें 400 भूकंप उस इलाके में आए हैं जहां माउंट फैगराडैल्सफाल में विस्फोट हो रहा है।

आइसलैंड के मौसम विभाग ने कहा कि 21 मार्च 2021 को ज्वालामुखी वाले इलाके में कम भूकंप आए थे। जबकि, एक दिन पहले ही वहां पर 1000 भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर 3 की तीव्रता के ऊपर के भूकंप तो पता चल ही जाते हैं। 24 फरवरी को इस जगह 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसके आधे घंटे बाद 5 तीव्रता का भूकंप फिर आया।