भारत के दुश्मनों को हर कदम पर मात देने की पूरी व्यवस्था की जा रही है। स्वदेशी विमानवाहक पोत IAC विक्रांत के लिए भारतीय नौसेना लड़ाकू विमान खोज रही है। इस युद्धपोत पर तैनाती के लिए दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट्स का ट्रायल लेने की तैयारी है। भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ा चुके राफेल ने इंडियन नेवी के लिए सोमवार को अपने सामुद्रिक युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया। मार्च में बोइंग कंपनी की F-18 सुपर हॉर्नेट अपना प्रदर्शन करेगी।

भारतीय नौसेना (Indian Navy) के विमानवाहक पोत IAC Vikrant के लिए लड़ाकू विमानों की फ्लीट तैयार करने की योजना बना रही है। इसके लिए नौसेना की नजर में चार लड़ाकू विमान हैं- पहला राफेल (Rafale) का नेवी वर्जन, दूसरा अमेरिकी कंपनी बोइंग का F-18 सुपर हॉर्नेट (F-18 Super Hornet), तीसरा रूस और भारत का भरोसेमंद मिग-29के (Mig-29K) और चौथा स्वीडेन की कंपनी साब का ग्रिपेन (Gripen)।

इन चारों के चयन प्रक्रिया की पहली शर्त है ये कि ये एयरक्राफ्ट करियर पर लैंड और टेकऑफ कर सकें। भारतीय नौसेना डेक बेस्ड फाइटर जेट खोज रही है। ये चारों डेक बेस्ड फाइटर जेट हैं। पिछले चार सालों में भारतीय नौसेना ने 57 मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। अब आपको यह बताते हैं कि IAC विक्रांत की क्या खासियत हैं। इसके बाद इन चारों फाइटर जेट्स की खासियत और बाद में IAC विक्रांत के साथ मिलकर भारतीय नौसेना की ताकत कितनी बढ़ जाएगी।

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत IAC Vikrant 45 हजार टन का करियर है। IAC विक्रांत (IAC Vikrant) में जनरल इलेक्ट्रिक के ताकतवर टरबाइन लगे हैं। जो इसे 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं। पहले यह सूचना आई थी कि इस पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन होंगे। इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक फोर्स की रेंज 1500 किलोमीटर है। इसपर 64 बराक मिसाइलें लगी होंगी। जो जमीन से हवा में मार करने में सक्षम हैं।

यह 52 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से समुद्र की लहरों की चीरकर आगे बढ़ सकता है। यह एक बार में 15 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकता है। इसमें एक बार में 196 नौसेना अधिकारी और 1149 सेलर्स और एयरक्रू रह सकते हैं। इसमें 4 ओटोब्रेडा (Otobreda) 76 mm की ड्यूल पर्पज कैनन लगे होंगे। इसके अलावा 4 AK 630 प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी होगी।

INS विक्रांत पर एक बार में कुल 36 से 40 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं। 26 मिग-29 के और 10 कामोव Ka-31, वेस्टलैंड सी किंग या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। इसकी फ्लाइट डेक 1.10 लाख वर्ग फीट की है, जिस पर से फाइटर जेट आराम से टेकऑफ या लैंडिंग कर सकते हैं। अब आप ये सोचिए जिस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर है। उसके ऊपर ताकतवर फाइटर जेट तैनात होने के बाद उसकी रेंज और टारगेट हिट करने की क्षमता बढ़ जाएगी।