अभी तक आपने परिवारों में जमीन-जायदाद इत्यादि का बंटवारा तो सुना होगा, लेकिन पति के बंटवारे के बारे में नहीं सुना होगा। दरअसल, ग्वालियर में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। कुटुंब न्यायालय में एक पति का उसकी दो पत्नियों के बीच बंटवारा हुआ है। कोर्ट में समझौता यह हुआ है कि पति सप्ताह में 3 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। जबकि संडे को पति की मर्जी चलेगी कि वह दोनों पत्नियों में से किसके साथ रहना चाहता है।

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बता दें कि पति हरियाणा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर है। उसकी पहली शादी 2018 में हुई थी और शादी के दो साल तक दोनों साथ रहे। वहीं जब साल 2020 में कोरोना काल आया तो लॉकडाउन के समय पति अपनी पत्नी को उसके मायके ग्वालियर में छोड़कर फिर दोबारा हरियाणा लौट गया। लॉकडाउन हटने के बाद भी वह अपनी पत्नी को लेने नहीं आया। इसी बीच पति के संबंध कंपनी में ही काम करने वाली एक अन्य महिला के साथ बन गए और उसके बाद पति ने महिला के साथ दूसरी शादी भी कर ली।

पहली पत्नी ग्वालियर में अपने पति के आने का इंतजार करती रही। लेकिन जब उसके सब्र का बांध टूटा तो खुद ही पति की कंपनी में पहुंच गई, जहां उसे पता चला कि उसके पति ने कंपनी में ही काम करने वाली किसी महिला के साथ दूसरी शादी कर ली है। इसके बाद शुरू हुआ विवादों का दौर। विवाद के बाद पत्नी ने इसकी शिकायत ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में कर दी। पत्नी का आरोप था कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है, इसलिए भरण-पोषण के लिए उसे न्याय चाहिए। 

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जब मामले की सुनवाई के बाद कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान ने बताया कि महिला के पति से उसने बातचीत की और उसके बाद लगातार यह मामला लगभग 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा। उसके बाद दोनों पत्नियों और उनके पति को काउंसलिंग के लिए कुटुंब न्यायालय में बुलाया गया और तीनों को बैठाकर बातचीत की गई तो उसका समाधान निकल आया। काउंसलिंग के द्वारा यह तय हुआ कि पति सप्ताह में 3 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा, लेकिन संडे के दिन पति पूरी तरह फ्री रहेगा। उस दिन वह अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी पत्नी के साथ रह सकता है। दोनों पत्नियां और पति काउंसलर हरीश दीवान के इस निर्णय से संतुष्ट हैं। इस समझौते के बाद पति ने दोनों पत्नियों को एक-एक फ्लैट भी दिया है।