कोरोना माहामारी में अपने भी साथ नहीं होते हैं। कोरोना का खौफ इतना है कि कोरोना से मरे लोगों को परिवार वाले मुखाग्नी भी नहीं दे रहे हैं। इस दौर में कुछ संगठन लोगों को मुखाग्नी दे रहे हैं और अस्पताल प्रशासन ही कोरोना शवों को जला रहे हैं। इसी कड़ी में एक बेहद ही दर्द देने वाली घटना सामने आई है जहां दरभंगा में पति की मौत होने पर परिवार वालों ने मुखाग्नी नहीं दी तो पत्नी ने अपना कर्तव्य निभाया है।

 
व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई तो परिवार वाले और रिश्तेदार अर्थी को कंधा देने भी नहीं आये तो ऐसे में अकेली महिला अपने पति का शव को लेकर दरभंगा शमशान में पहुंची और पीपाई किट पहनकर मुखाग्नि दी। इस काम में जब अपनों ने मुंह फेरा तो कबीर सेवा संस्था के लोगों ने महिला की दाह संस्कार में मदद किया है। समस्तीपुर की रहने वाली महिला मीना देवी का पति हरिकांत राय कोरोना संक्रमित हो गया था।

DMCH दरभंगा अस्पताल पति के दम तोड़ने के बाद मृतक की पत्नी ने अपने सभी रिश्तेदारों को इसकी सूचना भी दी, लेकिन सिवाय अश्वाशन के अलावा कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। फिर कबीर संगठन ने महिला की मदद की और पत्नी से ही मुखाग्नी दिलाई है। समाज में महिला मीना ने एक मिसाल पेश कर दी है।