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भारतीय सेना ने अमेरिका से 145 होवित्जर तोपें (howitzer cannon) खरीदने का करार किया था जिनमें से भारतीय सेना को 89 होवित्जर तोपें मिल चुकी हैं। अब जून 2022 तक 56 और तोपें मिल जाएंगी। सेना ने इनमें से अधिकतर तोपें लद्दाख में तैनात कर दी हैं। यहां भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। आपको बता दें कि 25 तोपों की आपूर्ति पूरी तरह से तैयार मोड में की गई है। बाकी तोपें भारत में महिंद्र डिफेंस नामक कंपनी के साथ साझेदारी में बन रही हैं।
होवित्जर (howitzer cannon) दुनिया की सबसे आधुनिक तोप है। इसमें 155एमएम/39 कैलिबर के गोले लगाए जाते हैं। इन्हें 30 किमी तक के रेंज में दागे जा सकते हैं। कुछ इलाकों में इन तोपों से 40 किमी तक गोले दागे जा सकते हैं। जरूरत के हिसाब से होवित्जर को एक इलाके से दूसरे इलाके में आसानी से ले जाया जा सकता है। इन तोपों से इंडियन आर्मी की ताकत काफी बढ़ गई है।
टिटैनियम और अल्यूमीनियम से बनी इन तोपों का वजन इसी श्रेणों के अन्य तोपों की तुलना में करीब आधा है। इनका वजन करीब 4218 किलो है। इन्हें आसानी से भारतीय वायु सेना (IAF) के हेलीकॉप्टर सीएएच-47एफ चिनूक से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इस तरह से ऊंची पहाड़ी इलाकों में इन्हें बेहद कम समय में तैनाती की जा सकती है। अरुणाचल प्रदेश में भारी तोपों की तैनाती नहीं की जा सकती लेकिन एम777 आसानी से चिकून हेलीकॉप्टर में लोड किया जा सकता और उसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह पर तैनात किया जा सकता है।
एम777 तोपों के लिए वर्ष 2016 में ऑर्डर दिया गया था। भारतीय सेना (Indian army) ने बीते करीब तीन दशक बाद किसी तोप सौदों को अंजाम दिया है। होवित्जर के अलावा भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में दो अन्य तोपों के9 वज्र टी और बोफोर्स तोपों की भी तैनाती कर दी है। के9 को भारतीय कंपी लार्सन एंड टर्बो ने दक्षिण कोरिया की कंपनी हन्वहा टेकविन के साथ मिलकर बनाया है। ये भी बहुत हल्की तोपें हैं और इसे मैदानी इलाके के लिए विकसित किया गया है, लेकिन भारतीय सेना ने इसमें थोड़ा बदलाव करवाकर इसे पहाड़ी इलाकों के लिए कारगर बना दी है।
उधर चीन ने भी एलएसी से लगे इलाके में 100 से अधिक पीसीएल-181 होवित्जर तोपें तैनात कर कर रखी है। उसकी तोपें भी काफी हल्की हैं। इन तोपों का वजह करीब 25 टन है, जिसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। इन तोपों को ट्रकों पर तैनात किया गया है। यह भी दावा किया गया है कि भारत की ओर से तैनात किए गए एम777 तोपों की तुलना में चीनी होवित्जर तोपों का रेंज करीब दोगुना है। ये पीसीएल-181, 155 एमएम के तोप हैं, जिसे चाइना नार्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉरपोरेशन ने बनाया है।
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