इस साल अक्टूबर का आधे ज्यादा महीना गुजर चुका है, लेकिन बारिश अभी भी जाने का नाम नहीं ले रही। भारी बारिश (Heavy Rain) के चलते देश के कई राज्यों जैसे दिल्ली, केरल, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में हालात खराब हो चुके है। वैज्ञानिकों इसके पीछे की कई वजहें बताई हैं। मानसून (monsoon) में देर और कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से कई जगहों पर अत्यधिक बारिश देखने को मिल रही है।

अक्टूबर मानसून के जाने का महीना होता है, इस दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून (southern western monsoon) लौटता है और वो उत्तर-पूर्व मानसून को रास्ता देता है, जो आमतौर पर दक्षिण प्रायद्वीपीय, मुख्यतौर पर भारत के पूर्वी हिस्से पर असर डालता है।


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पश्चिम विक्षोभ (Western Disturb) , भारत के दूरस्थ उत्तरी हिस्से के स्थानीय मौसम में उल्लेखनीय असर डालना शुरू करता है। इस वजह से आमतौर पर बारिश या बर्फबारी होती है। लद्दाख, कश्मीर की ऊंचाई वाले स्थानों और उत्तराखंड में इसी वजह से इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। पिछले हफ्ते दो कम दबाव के क्षेत्र एक साथ सक्रिय हुए जिनमें से एक अरब सागर और दूसरा बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के ऊपर था। इन दोनों के एक साथ मिलने से केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मौसम में बदलाव देखने को मिला है।

दक्षिण-पश्चिमी मानसून आमतौर पर अक्टूबर की शुरुआत में लौट जाता है। इसके लौटने के दौरान स्थानीय स्तर पर गरज चमक के साथ बारिश, भारी बारिश होती है। इस साल मानसून के लौटने की शुरुआत ही 6 अक्टूबर से हुई जबकि सामान्य तौर पर ये 17 सितंबर से शुरू हो जाता है। अब तक मानसून पश्चिम, उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत के क्षेत्रों से पूरी तरह लौट चुका है।

लेकिन मानसून दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में अभी भी सक्रिय है इस वजह से केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले 10 दिनों से भारी बारिश (heavy rain) हो रही है। सोमवार तक मानसून मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, बंगाल के कुछ हिस्से, ओडिशा और पूरे दक्षिण प्रायद्वीप से नहीं लौटा था।

भारत के कुछ राज्यों में भारी बारिश होने का कारण कम दबाव का तंत्र (low pressure) बनना है। जब कभी भी कब दबाव का क्षेत्र बनता है तो इसका नतीजा अधिक से अत्य़धिक बारिश होती है।

कम दबाव का क्षेत्र जिसकी वजह से केरल में असर पड़ा है वो अब कमजोर हो गया है, लेकिन इसी तरह का एक तंत्र अभी भी मध्य भारत में सक्रिय है, इस वजह से उत्तर भारत में इस हफ्ते में अच्छी बारिश हो सकती है। इस वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है।