भारत की हर गली में आपको कहीं ना कहीं स्ट्रीट डॉग्स नजर आ ही जाएंगे। इतना ही नहीं आजकल ये स्ट्रीट डॉग्स हमलावर भी हो गई है और कई बच्चों की जानें भी ले चुके हैं। इस बीच आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि दुनिया में एक देश ऐसा भी हैं जहां कोई भी स्ट्रीट डॉग नहीं है। ये देश है नीदरलैंड। 

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जब रेबीज से डर गया था नीदरलैंड

आपको बता दें कि वो ऐसा दौर था जब नीदरलैंड के लगभग हर घर में एक कुत्ता होता। 19वीं सदी में रेबीज का दौर आया और देश में कुत्तों की संख्या इतनी हो चुकी थी कि अब लोग इनसे डरने लगे थे। रेबीज के फैसले के चलते देश का व्यापार ठप होने लगा। इसके बाद सरकार ने कुत्तों पर कंट्रोल करने का रास्ता खोजा, क्योंकि लोगों ने रेबीज के डर से कुत्तों को सड़कों पर छोड़ दिया था। इस दौरान सरकार ने कुत्तों को पालने पर टैक्स लगा दिया, जिसके कारण लोग पैसा देने से बचने के लिए कुत्तों को सड़कों पर छोड़ने लगे। यहां साल 1864 में हेग में पहली एनिमल प्रोटेक्शन एजेंसी बनी।

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इस अनोखे तरीके से किया कंट्रोल

इसके बाद यहां CNVR यानी कलेक्ट, न्यूटर, वैक्सिनेट एंड रिटर्न प्रोग्राम शुरु हुआ। जिसका काम आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और वैक्सिनेशन करना होता था। म्युनिसिपेलिटी उन पशुप्रेमियों से भारी टैक्स लेने लगी जो दुकानों से कुत्ते खरीदते, जबकि स्ट्रे डॉग्स को गोद लेने पर टैक्स माफ हो जाता। ऐसे में लोग सड़कों से कुत्ते अडॉप्ट करने लगे और धीरे-धीरे मामला कंट्रोल में आ गया।

चीन और भारत में सबसे ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स

वहीं भारत की बात करें तो यहां लगभग 6.2 करोड़ स्ट्रे डॉग्स और 91 लाख आवारा बिल्लियां हैं। इनके अलावा 88 लाख स्ट्रीट डॉग्स ऐसे भी हैं, जो शेल्टर होम में रह रहे हैं। साल 2021 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कहा था, यहां सालाना 21 हजार से ज्यादा मौतें रेबीज से होती हैं। बता दें कि दुनिया सबसे ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स की लिस्ट में चीन सबसे ऊपर है, जहां लगभग साढ़े सात करोड़ स्ट्रीट डॉग्स हैं। भारत इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। तीसरा नंबर 4.8 करोड़ के साथ अमेरिका का है। मैक्सिको में 74 लाख आवारा कुत्ते हैं। वहीं ब्रिटेन में सिर्फ 11 हजार स्ट्रे डॉग्स दिखेंगे।