पश्चि बंगाल के दार्जिलिंग(Darjeeling), तराई और डुआर्स क्षेत्र के गोरखा (Gorkha) समुदाय की मागों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की अध्यक्षता में आज यहां केंद्र सरकार, गोरखा समुदाय और राज्य सरकार के बीच त्रिपक्षीय वार्ता शुरू की गयी। पहले दौर की बैठक में शाह ने गोरखा समुदायक के प्रतिनिधियों का पक्ष सुना और दूसरे दौर में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ नवंबर में बैठक बुलाने का फैसला किया। 

गृह मंत्रालय (Home Ministery) की विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट (MP Raju bist) के नेतृत्व में गोरखा प्रतिनिधिमंडल ने गोरखाओं और क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। मंत्रालय ने कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) ने सभी संबंधित पक्षों की बात सुनी और नवंबर में पश्चिम बंगाल सरकार की दलीलों को सुनने के लिए दूसरे दौर की वार्ता करने का फैसला किया है।' 

मंत्रालय के मुताबिक अगले दौर की बातचीत के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को विशेष रूप से वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने के लिए कहा गया है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गोरखाओं और इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत है। दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डुआर्स क्षेत्र का सर्वांगीण विकास और समृद्धि मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। 

गृह मंत्रालय में हुई इस बैठक में शाह के अलावा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री एवं सांसद अलीपुरद्वार जॉन बारला, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, जनजातीय मामलों के सचिव अनिल कुमार झा, भारत के महापंजीयक डॉ विवेक जोशी और गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वहीं, गोरखाओं की ओर से प्रतिनिधिमंडल में दार्जिलिंग विधायक नीरज जिम्बा, कुर्सेओंग विधायक बी.पी. बजगाईं, कालचीनी विधायक विशाल लामा, जीएनएलएफ प्रमुख मान घीसिंग, सीपीआरएम प्रमुख आर.बी. राई, गोरानिमो प्रमुख दावा पाखरीन, एबीजीएल प्रमुख प्रताप खाती और सुमुमो प्रमुख बिकास राई शामिल थे।