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डेली काम आने के सामान बनाने वाली हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Limited) और आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) ने अपने चुनिंदा उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी हैं. कंपनी ने कहा है कि ज्यादा लागत की वजह से यह फैसला करना पड़ा. इस कारण व्हील (Cost of one kg packet of wheel) के एक किलो पैकेट की कीमत अब 3.5 प्रतिशत बढ़ गई है.
चुनिंदा प्रोडक्ट्स की बढ़ी कीमतें
कंपनी ने कहा कि चुनिंदा प्रोडक्ट्स की कीमत आधा किलो और एक किलो के पैक पर बढ़ी है. एचयूएल ने अपने 1 किलो के व्हील डिटर्जेंट पावडर की कीमत में 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. इससे आधा किलो के व्हील के पैक की कीमत 2 रुपए बढ़ जाएगी. इसने रिन डिटर्जेंट बार और लक्स साबुन की भी कीमतें बढ़ा दी हैं. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हाल के समय में इनपुट लागत में काफी वृद्धि हुई है.
पूरी इंडस्ट्री ने बढ़ाई कीमतें
पूरी इंडस्ट्री ने कीमतों को बढ़ाया है. आईटीसी का ध्यान कॉस्ट मैनेजमेंट पर प्रभावी ढंग से निपटने का है. उन्हें प्रीमियम बनाने, बिजनेस मिक्स के अनुकूल बनाने का है. लागत को कम करने और क्षमता बढ़ाने के लिए सभी तरीकों का मूल्यांकन भी किया जा रहा है. ताकि हमें पूरा भार ग्राहकों पर न डालना पड़े. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि प्रोडक्ट की कीमत बढ़ाना ही अंतिम उपाय नहीं होता है. क्योंकि हम ग्राहक को यथासंभव उतना प्रभावित नहीं करना चाहते हैं.
महंगाई का सामना करना पड़ रहा है
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों को पिछले कुछ समय से महंगाई के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. यह दबाव ईंधन की बढ़ती कीमतों, पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ अन्य मूल्यवान सामानों के अलावा माल-ढुलाई की ऊंची लागत के कारण है. हाल ही में पारले प्रोडक्ट्स ने भी ज्यादा लागत को कम करने के लिए कीमतें बढ़ा दी हैं. इसने अपने बिस्कुट की सभी कैटिगरी की कीमतों को बढ़ाया है. हालांकि कुछ मामलों में इसने पैकेट का वजन कम कर दिया है.
दूसरी बार बढ़ीं कीमतें
जून तिमाही के रिजल्ट में एचयूएल के टॉप मैनेजमेंट ने कहा कि उसने स्किन की सफाई, लॉन्ड्री और चाय पोर्टफोलियो के प्रोडक्टस में दूसरी दफा कीमतें बढ़ाई हैं. कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि बिजनेस मॉडल को बचाए रखने के लिए ये जरूरी था. फिर सितंबर तिमाही के रिजल्ट के समय कंपनी ने आगाह किया कि इनपुट लागत ज्यादा ही रहने वाली है. कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने तब कहा था कि कीमतें काफी सोच-विचार कर बढ़ाई गईं हैं. कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी रितेश तिवारी ने रिजल्ट के बाद विश्लेषकों को बताया कि पाम ऑइल और इसके अन्य सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ है. हालांकि इनकी कीमतें पहले से ही थे आल टाइम हाई पर थीं. जबकि पाम ऑइन का सीजन फुल स्विंग में है. स्टॉक भी ठीक ठाक है. हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक कीमतें निकट अवधि में हमारे लिए मददगार बनी रहेंगी.
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