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पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल ला देने वाले नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड में गिरफ्तार किये गये ममता कैबिनेट के दो मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गृहबंदी में रहने के लिए कहा ह। . हालांकि, हाइकोर्ट ने इन चारों नेताओं को जमानत दे दी है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय में नारद स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गये तृणमूल नेताओं को दी गई जमानत के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई। इस मामले की सुनवाई अपरिहार्य कारणों से टाल दी गई थी।
कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ जमानत अर्जियों को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।
सीबीआई ने इस मामले में 53 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद हाइकोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को करीब ढाई घंटे तक सुनवाई करने के बाद एक दिन के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी। विधायक मदन मित्रा के वकील ने केस को किसी और डिवीजन बेंच में ट्रांसफर करने की मांग की, लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने इससे इनकार कर दिया।
इससे पहले हाइकोर्ट ने राज्य के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को सीबीआई अदालत से मिली जमानत पर सोमवार रात को रोक लगा दी थी। चारों को सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में सोमवार को सुबह-सुबह गिरफ्तार किया था।
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