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कोरोना काल में इतने बुरे हालात बन रहे हैं लेकिन कुछ लोगों किसी की नहीं पड़ी है, यहां तक की किसी की जान की भी फिक्र तक नहीं है। दवाइयों की कालाबाजारी में हदें पार की जा रही है। राजस्थान के कोटा जिले में सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां कोरोना में मरीज को धोखे में रखा जा रहा है। जीवनरक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का हैरान कर देने वाला मामला सभी दंग कर दिया है।
भाई ने दो मरीजों के रेमडेसिविर इंजेक्शन चुरा लिये हैं और मरीजों को पानी का इंजेक्शन लगा दिया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन इसलिए चुराए ताकि उनको ऊंचे दामों में बेचा जा सके। मामले का खुलासा होते हैं पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फुल गए हैं। पुलिस ने दोनों भाइयों से दो इंजेक्शन बरामद कर लिया हैं। अभी पुलिस रिमांड पर है जबकि राकेश को जेल भेज दिया गया है। लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
सहायक पुलिस उप निरीक्षक विष्णु कुमार ने इस मामले के बारे में बताया कि मुख्य आरोपी मनोज रेगर कोटा हार्ट हॉस्पिटल के कोविड-वार्ड ने ड्यूटी करता था। पूछताछ में आरोपी मनोज ने स्वीकार किया है कि उसने अस्पताल में भर्ती रतनलाल व माया नाम के दो मरीजों के रेमडेसीविर इंजेक्शन चुराए थे और बाद में मरीजों के पानी के इंजेक्शन लगा दिये थे।
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