उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat), जो अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी से परेशान थे और कैबिनेट की बैठक से बाहर निकलने के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) उनके छोटे भाई की तरह हैं। उनका बयान इस बात का संकेत है कि नाराज नेता अब शांत हैं।

उत्तराखंड भाजपा (Uttarakhand BJP) में सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया जैसा लगता है, क्योंकि धामी के साथ डिनर करने के बाद रावत (Harak Singh Rawat) ने कहा, धामी मेरे छोटे भाई की तरह हैं और हमारा रिश्ता कई साल पुराना है। मेरा आशीर्वाद पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के साथ है। धामी ने ट्विटर पर एक तस्वीर भी साझा करते हुए कहा, डिनर पर कैबिनेट सहयोगी हरक सिंह रावत से मुलाकात की और राज्य के मौजूदा मुद्दों पर चर्चा की। राज्य में मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस दावा कर रही थी कि रावत वापस अपने पाले में आ जाएंगे, क्योंकि वह भगवा पार्टी से खुश नहीं हैं और घुटन महसूस कर रहे थे।

बीजेपी यूथ विंग के राष्ट्रीय सचिव और उत्तराखंड प्रभारी तजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, हैलो कांग्रेस, उत्तराखंड के लिए सपने देखना बंद करो। हम एक हैं और एकजुट हैं। सूत्रों ने कहा कि रावत की चिंता का समाधान कर दिया गया है और वह कहीं नहीं जा रहे हैं। पता चला है कि धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami) ने रावत के उनके विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और मेडिकल कॉलेज का बजट एक दो दिन में जारी कर दिया जाएगा। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव से महीनों पहले किसी भी नेता, विधायक या मंत्री को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती है।

उन्होंने कहा, चुनावों में हर कोई महत्वपूर्ण है और कोई भी पार्टी हरक सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती, जब आप कांग्रेस और आप के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में हों। हर कोई महत्वपूर्ण है और हम किसी को जाने नहीं देंगे। 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव (uttarakhand assembly election) अगले साल फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा के साथ होगा। बीजेपी ने उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव में 60 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी।