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H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण भारत में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार पहली मौत कर्नाटक तो वहीं दूसरी मौत की रिपोर्ट हरियाणा से आई है। देश में H3N2 वायरस के लगभग 90 मामले हैं। एच1एन1 वायरस के आठ मामले भी सामने आए हैं। H3N2 इन्फ्लूएंजा को "हांगकांग फ्लू" भी कहा जाता है। ऐसे वायरस के प्रकोप से मरीजों को ठीक होने में अधिक समय लग रहा है। ऐसे में कोविड-19 महामारी के बाद इस वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
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H3N2 वायरस के कुछ प्रमुख लक्षणों में खांसी, ठंड लगना, बुखार, छींक आना, नाक बहना, मतली, उल्टी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ दस्त शामिल है। इससे पहले इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस हर साल इस समय के दौरान तेजी से फैलता है।
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आपको बता दें कि इस वायरस से बचन के लिए शरीर को हाइड्रेड रखना चाहिए। इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा लिक्विड फॉर्म की चीजें खानी और पीनी चाहिए। बुखार, खांसी या सिरदर्द होने पर डॉक्टर की बताई हुई दवाइयों का नियमित सेवन करना चाहिए। इस बीच आईएमए ने एंटीबायोटिक दवाओं का बिना डॉक्टर सलाह के सेवन न करने की चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि कई लोग इंफ्लूएंजा के कारण होने वाले बुखार और खांसी को कम करने के लिए खुद से एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं, इससे मरीजों का स्वास्थ्य अधिक बिगड़ रहा है। इसलिए बिना किसी डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें।
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