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कोरोना के बाद इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 देश में तेजी से फैल रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना और H3N2 के कई लक्षण समान हैं, लेकिन कोरोना सिंगल वायरस है (वेरिएंट बदलता है) जबकि इन्फ्लुएंजा वायरसों का झुंड है। यह वायरस भी कोरोना की तरह लंग्स पर हमला करता है। देश में पहली बार संक्रामक H3N2 इन्फ्लुएंजा से दो लोगों की मौत के बाद सरकार अलर्ट पर है। मृतकों में कर्नाटक के हासन जिले के 82 साल का वृद्ध और हरियाणा के जींद का 56 साल का व्यक्ति है। दोनों मरीजों ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां थीं।
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वहीं ओडिशा में इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में 225 सैंपल में से 59 एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के मामलों की पुष्टि हुई। रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भुवनेश्वर की निदेशक डॉ. संघमित्रा ने इस बात की पुष्टि की है। उनका कहना है कि इसके लक्षण भी कोरोना की तरह बुखार और खांसी सहित फ्लू वायरस की तरह ही है। पुदुचेरी में भी अब तक इस वायरस के 79 मामले सामने आए हैं। बिहार में भी एक महिला में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई है।
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केंद्र का कहना है कि इन मामलों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही और संक्रमण और मौतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। छोटे बच्चों, पहले से अन्य रोगों से पीड़ित बुजुर्ग व्यक्तियों को इस वायरस का अधिक खतरा है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को लेकर कहा कि ये वायरस भीड़-भाड़ वाली जगहों में आसानी से लोगों को अपना शिकार बनाता है। इसमें लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और बुखार और श्वसन संबंधी लक्षण जैसे खांसी और नाक बहना, और संभवतः शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं। हावर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक इनफ्लुएंजा का यूनीवर्सल टीका बनने में 10 साल और लग सकते हैं। मौजूदा टीके वायरस की बाहरी सतह पर वार करते हैं, जो प्रोटीन से बनी होती हैै। पुराना टीका कारगर नहीं रहता। इन्फ्लुएंजा ह्यूमन वायरस है, जो इंसान से इंसान में फैलता है।
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