किसानों के लिए खुशखबरी है कि सरकार उन्हें स्मार्टफोन (smartphone) खरीदने के पैसे दे रही है। यह योजना फिलहाल गुजरात सरकार ने निकाली है। किसानों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 1500 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार चाहती हैं कि किसान भी अब नई कृषि तकनीक सीखें और इसके लिए जरूरी है एक स्मार्टफोन। स्मार्टफोन पर वीडियो वगैरह देखकर किसान खुद को अपडेट कर सकते हैं और अपनी फसलों से होने वाले मुनाफे को बढ़ा सकते हैं जिससे उनका तो विकास होगा ही साथ ही साथ देश का भी विकास होगा।

देश सही मायने में 'डिजिटल इंडिया' (digital india) बनने की राह पर है। ऐसे में सरकार अब इस नई धारा से किसानों को भी जोड़ना चाहती है और इसके लिए किसानों को स्मार्टफोन दिलवाने के लिए ये योजना शुरू की गई है। इसमें किसानों को सहायता के रूप में फोन खरीदने के लिए पैसे दिए जाएंगे। किसानों को डिजिटल रूप से लैस करने के लिए, गुजरात सरकार ने 1500 रुपये तक की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। यह खुलासा राज्य के कृषि विभाग की अधिसूचना से हुआ है।

अगर किसानों को स्मार्टफोन दिया जाए तो वो इसकी मदद से कई ऐसे जरूरी काम कर सकते हैं जिनसे कृषि का विकास होगा और उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी होगी। बता दें कि किसान किसान मौसम के पूर्वानुमान, संभावित कीटों की जानकारी, उन्नत कृषि तकनीकों, तकनीकी उपकरणों के उपयोग, व्यक्तिगत स्तर पर विशेषज्ञ की राय जैसी बहुत सारी जरूरी चीजों के बारे में स्मार्टफोन की मदद से जानकारी हासिल कर सकते हैं।

स्मार्टफोन किसानों को खेती से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में भी मदद करेगा। कैमरा, ईमेल, टेक्स्ट और मल्टीमीडिया सेवाओं, जीपीएस, वेब ब्राउजर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और यहां तक कि वॉयस सर्च फीचर जैसी स्मार्टफोन सुविधाओं का उपयोग करने से किसानों को उन लाभों को जानने और उन तक पहुंचने में मदद मिलेगी जो अब तक उनसे दूर थे।

आपको बता दें कि गुजरात के कृषि, किसान कल्याण और सहकारिता विभाग द्वारा शनिवार को जारी सरकारी संकल्प (जीआर) में कहा गया है कि गुजरात का कोई भी निवासी जिसके पास अपनी जमीन है, वह स्मार्टफोन की कुल लागत के 10 प्रतिशत की सहायता के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन ये सहायता1,500 रुपये से अधिक नहीं होगी। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान i-khedut पोर्टल पर जा सकते हैं। आपको बता दें कि इस योजना का आवेदन स्वीकार होने के बाद किसानों को स्मार्टफोन का बिल, आईएमईआई नंबर, कैंसल चेक और कुछ अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स की एक कॉपी जमा करनी पड़ेगी।