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गुजरात की आठ विधानसभा सीटों पर गत तीन नवंबर को हुए उपचुनाव की मतगणना आज जारी है और इनमे से सात पर सत्तारूढ़ भाजपा तथा एक पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। कच्छ जिले की अबडासा, सुरेंद्रनगर की लिबड़ी, मोरबी की मोरबी, अमेरली की धारी, बोटाद की गढड़ा (सुरक्षित-अनुसूचित जाति), वडोदरा की करजण, डांग की डांग (सुरक्षित-अनुसूचित जनजाति) और वलसाड की कपराड़ा (सुरक्षित-अनुसूचित जनजाति), इन आठ सीटों पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के तत्कालीन विधायकों के त्यागपत्र के कारण ये उपचुनाव हुए।
इन पर कुल 81 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 51 निर्दलीय भी हैं। सर्वाधिक 14 उम्मीदवार लिंबड़ी और सबसे कम चार कपराड़ा में हैं। करजण और डांग में नौ-नौ, अबडासा में 10, धारी में 11 तथा मोरबी और गढड़ा में 12-12 उम्मीदवार हैं। मोरबी को छोड़ अन्य सात सीटों पर भाजपा आगे है। मुख्य मुक़ाबला सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा था। भाजपा ने इनमें से पांच सीटों पर उन्हीं पूर्व कांग्रेस विधायकों को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनके इस्तीफे से ये सीटें रिक्त हुई हैं।
ये हैं- प्रद्युम्न सिंह जाडेजा (अबडासा), ब्रिजेश मेरजा (मोरबी), जे वी काकड़यिा (धारी), अक्षय पटेल (करजण) और जीतू चौधरी (कपराड़ा)। इसके अलावा अन्य तीन सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हैं पूर्व मंत्री आत्माराम परमार (गढड़़ा), आठवीं बार पार्टी टिकट पर उतरे किरीट राणा (लिबड़ी) और विजय पटेल (डांग)। कांग्रेस के प्रत्याशी हैं - शांतिलाल सेंधानी (अबडासा), चेतन खाचार (लिबड़ी), जयंतीलाल पटेल (मोरबी), सुरेश कोटडिया (धारी), मोहन सोलंकी (गढड़ा), किरीट जाडेजा (करजण), सूर्यकांत गावित (डांग) और बाबूभाई पटेल (कपराड़ा)। गुजरात की 182 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 103 विधायक हैं। कांग्रेस के 65, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक है। इसलिए इस उपचुनाव के नतीजे से सत्ता के समीकरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वैसे ये सभी सीटें पूर्व में कांग्रेस की होने से उसके लिए इन पर अपनी साख बचाने का दबाव है। वहीं बता दें कि मध्यप्रदेश उपचुनाव में भी भाजपा बढ़त बना चुकी है।
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