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अभी तक आपने ऑनलाइन शॉपिंग व पढ़ाई के बारे में ही ज्यादातर सुना होगा लेकिन कोरोना की वजह से अब ऑनलाइन निकाह की परंपरा भी रूटीन बन जाएगी। ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा। हालांकि जम्मू संभाग के रियासी जिले में ऐसा हुआ है। दरअसल रियासी जिले में निकाह से कुछ दिन पहले ही दूल्हा कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसे होम आइसोलेट होना पड़ा। ऐसे में दूल्हा घोड़ी चढ़कर शादी करने तो नहीं जा पाया लेकिन दुल्हन के घर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दूल्हे को जोड़कर मौलवी ने ऑनलाइन निकाह पढ़वा दिया।
जानकारी के मुताबिक रियासी जिला के कोटला गांव के रहने वाले मनीर का निकाह बंधार पंचायत के पनासा गांव की रजिया बीवी से 8 अप्रैल को होना तय हुआ था। मनीर शिवखोड़ी ट्रैक पर घोड़ा चलाता है। पिछले कुछ दिन से शिव खोड़ी ट्रैक पर घोड़ा चलाने वालों की कोरोना जांच की जा रही है। मनीर की भी जांच हुई तो वह कोरोना संक्रमित पाया गया। मनीर को तुरंत होम आइसोलेट कर दिया गया।
होम आइसोलेशन के 13वें दिन 8 अप्रैल को उसे घोड़ी चढ़कर दुल्हन के घर पनासा में बारात लेकर जाना था लेकिन कोरोना संक्रमित तथा होम आइसोलेट होने की वजह से ऐसा संभव नहीं दिख रहा था। दुल्हन पक्ष को भी इस बारे में पता चला तो दोनों पक्ष चिंता में पड़ गए। दोनों तरफ से शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। आपसी सोच-विचार के बाद निकाह को कुछ दिन आगे टालने पर सहमति बन गई।
इसी बीच फॉरेस्ट राइट एक्ट के चेयरमैन लियाकत अली, पूर्व सरपंच बशीर अहमद और कुछ अन्य बड़े-बुजुर्गों ने लड़की के पिता दीन मोहम्मद और दूल्हा पक्ष से बातचीत की। इसके बाद तय किया गया कि तारीख में बदलाव नहीं होगा और तय दिन को ही ऑनलाइन निकाह होगा। इसमें एक सहमति यह भी बनी कि कोरोना संक्रमित दूल्हा ही नहीं बल्कि महामारी से बचाव के लिए उनके माता-पिता, बहन-भाई सहित सगे संबंधी भी बारात में शामिल नहीं होंगे।
अब सवाल यह उठा कि लड़की के घर में निकाह का माहौल कैसे बने। जब बारात नहीं जाएगी तो शादी की खुशियां भी अधूरी रह जाएंगी। दोनों पक्षों ने बातचीत कर इसका हल भी निकाल लिया। तय किया गया कि वर पक्ष की तरफ से रनसू गांव में रहने वाले उनके 40 संबंधी बारात लेकर जाएंगे। फिर क्या था, सब कुछ तय होते ही शादी की तैयारियां शुरू हो गईं। शादी के दिन 8 अप्रैल को रनसू से लगभग 40 लोग बिना दूल्हे के बारात लेकर लड़की पक्ष के जहां पनासा पहुंच गए। बारात के पहुंचने पर लड़की पक्ष की तरफ से पूरा स्वागत किया गया।
बारी जब निकाह पढ़ाने की आई तो वधू पक्ष के घर में बैठकर अपने घर कोटला में होम आइसोलेट हुए मनीर से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क साधा गया। फिर मुफ्ती रोशन दीन ने प्रत्यक्ष रूप से मौजूद वधु और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े वर के बीच निकाह पढ़ा दिया। निकाह की रस्म पूरी होने के बाद दुल्हन को डोली में बैठाकर बारात के साथ विदा कर दिया गया। चूंकि मनीर का अगला टेस्ट 9 अप्रैल को होना तय था। इसलिए दुल्हन को उसके ससुराल न भेजकर रनसू में उसकी मौसी के घर भेजा गया।
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