मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N biren singh) ने मंगलवार को अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव (pre poll violenc) से पहले राजनीतिक हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री (N biren singh) की यह चेतावनी गोली लगने से छह लोगों के घायल होने के एक दिन बाद आई है। इंफाल पूर्वी जिले के यारीपोक याम्बेम इलाके में सोमवार को यह घटना तब हुई थी, जब दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के कार्यकर्ता एक चुनावी रैली के दौरान आपस में भिड़ गए थे।

सिंह के पास गृह विभाग भी है। उन्होंने मीडिया को बताया कि अगर कोई किसी भी तरह की हिंसा को भडक़ाता है या किसी व्यक्ति या संगठन पर हमला करता है, तो कानून लागू करने वाली एजेंसियां उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी। मुख्यमंत्री ने सोमवार की हिंसक घटना की निंदा करते हुए कहा, विधानसभा चुनाव से पहले, प्रत्येक राजनीतिक दल/समूह/व्यक्तियों को प्रक्रिया और कानून को बनाए रखते हुए अभियान चलाने का अपना लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन किसी को भी राज्य के शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक वातावरण को खराब नहीं करना चाहिए।

एक महिला सहित छह घायलों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सोमवार को, कार्यकर्ताओं के एक समूह का नेतृत्व पूर्व मंत्री श्यामकुमार कर रहे थे, जबकि दूसरे का नेतृत्व एंड्रो विधानसभा क्षेत्र में एक संभावित उम्मीदवार लौरेम्बम संजय कर रहे थे। 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होने की उम्मीद है, क्योंकि राज्य विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च, 2022 को खत्म होगा। सत्तारूढ़ भाजपा 2017 से मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के समर्थन से सरकार चला रही है, जिसका मणिपुर और नगालैंड, दोनों में संगठनात्मक आधार है।