किसानों के नरसंहार वाले विवादित ट्वीटर हैंडल्स पर तुरंत एक्शन को लेकर सरकार ने ट्विटर को चेतावनी दी है। सरकार ने इस मसले पर ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी किया है और कहा है कि अगर ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी तो कार्रवाई की जाएगी।

यह नोटिस सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से तब भेजा गया है जब सोमवार को ऐसे 250 ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिए गए जिन्हें मंत्रालय की शिकायत पर ब्लॉक किया गया था। 5 पेज के इस नोटिस में काफी सख्ती दिखाई गई है। नोटिस में लिखा गया है कि हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया जो तथ्यात्मक तौर पर गलत था और उसका मकसद नफरत पैदा करना थाण् नोटिस में सरकार ने कहा कि ये एक मोटिवेटेड कैंपेन है जो समाज में तनाव पैदा करने के लिए बिना किसी आधार के चलाया गया।

इस नोटिस में ये भी कहा गया है कि नरसंहार को प्रोत्साहन देना फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं है ये कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। दिल्ली गणतंत्र दिवस पर हिंसा देख चुकी है। बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर भारी तादाद में किसान डटे हुए हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भी हुई। दूसरी तरफ सीमाओं पर सुरक्षा भी टाइट की जा रही है। ऐसे में ट्विटर पर भी किसान आंदोलन को लेकर लोग अपनी राय रखते रहते हैं।

इसी कड़ी में ट्विटर पर हाल ही में किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग के साथ लोगों ने ट्वीट किए। ट्विटर पर किसानों के नरसंहार से जुड़ा हैशटैग चलाया गया था। सरकार ने ट्विटर को ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे जिन्होंने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किए। लेकिन ट्विटर ने खुद ही ऐसे अकाउंट बहाल कर दिए।

इसी को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से ट्विटर को नोटिस जारी किया गया है और कहा गया है कि ट्विटर को सरकार का निर्देश मानना होगा नहीं तो कार्रवाई होगी। यानी विवादित कंटेंट पोस्ट करने वाले जिन ट्विटर अकाउंट्स को बहाल किया गया है उनके खिलाफ ट्विटर को फिर से कार्रवाई करनी होगी। सरकार के नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला भी दिया गया है और कहा गया है कि ट्विटर अदालत की तरह फैसले नहीं कर सकता है।