नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। पेंशन फंड मैनेजर पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) इस स्कीम में बड़े बदलाव की तैयारी में है। इसके तहत NPS के निवेशक एक वित्त वर्ष में 4 बार अपने इनवेस्टमेंट पैटर्न में बदलाव कर सकते हैं। अभी एक वित्त वर्ष में 2 बार ऐसा करने की अनुमति है। PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

बंद्योपाध्याय ने उद्योग संस्था Assocham द्वारा एनपीएस स्कीम पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि अभी साल में दो बार इनवेस्टमेंट चॉइस में बदलाव किया जा सकता है। जल्दी ही इस संख्या को बढ़ाकर 4 करने की योजना है। हमें कई ऐसे अनुरोध मिले हैं कि इनवेस्टमेंट पैटर्न में बदलाव की संख्या बढ़ाई जाए। हालांकि उन्होंने कहा कि इस स्कीम का मकसद पेंशन फंड बनाना है और इसे म्युचुअल फंड स्कीम की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

म्युचुअल फंड नहीं है NPS

उन्होंने कहा कि कई बार लोग इसे म्युचुअल फंड के साथ जोड़कर देखते है जिसमें अच्छा रिटर्न मिल सकता है। आपको इसके लिए कुछ समय देना होगा और फिर उसके बाद केवल आप ही इसका (इनवेस्टमेंट पैटर्न में बदलाव) इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे वाजिब तरीके से इस्तेमाल कीजिए। हम इसकी संख्या बढ़ाकर 4 करने जा रहे हैं।

इसमें सब्सक्राइब्रर्स अपने निवेश को कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स में डाल सकते हैं। इनमें सरकारी सिक्योरिटीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, शॉर्ट टर्म डेट इनवेस्टमेंट्स और इक्विटीज शामिल हैं। लेकिन अलग-अलग तरह के सब्सक्राइबर्स के लिए अलग-अलग नियम हैं। उदाहरण के लिए सरकारी कर्मचारी इक्विटीज में ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं जबकि कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी अपनी एसेट का 75 फीसदी तक इक्विटीज में निवेश कर सकते हैं।

फंड मैनेजर बदलने की अनुमति

साथ ही सब्सक्राइबर्स को साल में एक बार फंड मैनेजर बदलने की अनुमति है। फंड मैनेजर सब्सक्राइबर्स की पेंशन एसेट्स को उनकी चॉइस के हिसाब से इनवेस्टमेंट स्कीमों में निवेश करते हैं। अभी ICICI Prudential Pension Funds Management Company, LIC Pension Fund, Kotak Mahindra Pension Fund, SBI Pension Fund, UTI Retirement Solutions, HDFC Pension Management Co और Birla Sun Life Pension Management को एनपीएस के तहत फंड मैनेजर की अनुमति मिली है।