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राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की एक ऑनलाइन पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ (French journal Mediapart) ने सीबीआई और ईडी पर निशाना साधा है। पत्रिका ने फेक इनवॉयस पब्लिश कर दावा किया है कि राफेल (Rafale deal) बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन (French company Dassault Aviation) ने डील कराने के लिए भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को करीब 65 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी और इसकी जानकारी सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) को भी थी, मगर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दस्तावेजों के होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया।
गौरतलब है कि केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, इसमें ऑफशोर कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और फेक चालान शामिल हैं। मीडियापार्ट यह खुलासा कर सकता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) (ईडी) के सहयोगियों के पास अक्टूबर 2018 से सबूत हैं कि दसॉल्ट ने बिचौलिए सुशेन गुप्ता (middleman sushen gupta) को कम से कम 65 करोड़ का सीक्रेट कमीशन भुगतान किया है। गौरतलब है कि पांच महीने पहले मीडियापार्ट ने बताया था कि राफेल सौदे में संदिग्ध ‘भ्रष्टाचार और पक्षपात’ की जांच के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को नियुक्त किया गया था। अप्रैल 2021 की एक रिपोर्ट में ऑनलाइन पत्रिका ने दावा किया कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिसमें दिखाया गया है कि दसॉल्ट और उसके औद्योगिक साझेदार थेल्स (एक रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स फर्म) ने बिचौलिए गुप्ता को राफेल डील (Rafale deal) के संबंध में ‘सीक्रेट कमीशन’ में कई मिलियन यूरो का भुगतान किया था।
अप्रैल की रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश भुगतान 2013 से पहले किए गए थे। सुशेन गुप्ता से जुड़े एक अकाउंट स्प्रेडशीट के अनुसार, ‘डी’ नाम की एक कंपनी ने 2004-2013 की अवधि में सिंगापुर में शेल कंपनी इंटरदेव को 14.6 मिलियन यूरो (125.26 करोड़ रुपये) का भुगतान किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुप्ता से संबंधित एक अन्य अकाउंट स्प्रैडशीट के अनुसार, जिसमें केवल 2004 से 2008 के दौरान का लेखा-जोखा है, थेल्स ने दूसरी शेल कंपनी को 2.4 मिलियन (करीब 20 करोड़) का भुगतान किया। अप्रैल में ही फ्रांसीसी मीडिया प्रकाशन ‘मीडियापार्ट ’ ने देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए खबर प्रकाशित की थी कि राफेल (Rafale deal) के 50 रिप्लिका मॉडल तैयार करने के लिए दसॉल्ट एविएशन ने भारतीय बिचौलिए गुप्ता को 1 मिलियन यूरो की रिश्वत दी थी।
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