अमेरिकन कार निर्माता कंपनी फोर्ड भारतीय बाजार में काफी समय से ऑल न्यू इकोस्पोर्ट  एसयूवी को तैयार करने में जुटी है, लेकिन ऐसा लगता है कि अब ये कार भारत में शायद ही कभी लॉन्च हो पाएगी, क्योंकि फोर्ड ने गुरुवार को भारत में मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स को बंद करने की घोषणा कर दी है।

अपने इस फैसले के लिए फोर्ड ने भारत में लगातार घट रही अपनी गाड़ियों की बिक्री को जिम्मेदार ठहराया है। फोर्ड भारत में बीते दो दशक से अपनी कारें बेच रही थी।

बता दें कि फोर्ड की इकोस्पोर्ट अपने सेगमेंट की सबसे लोकप्रिय कारों में शुमार रही, और भारत में फोर्ड की सबसे अधिक बिकने वाली कार है। यही वो कार थी जिसने भारत में सबकॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट की शुरुआत की थी। बाद में इस सेगमेंट की लोकप्रियता देखते हुए मारुति-सुज़ुकी ब्रेज़ा, रेनो डस्टर, ह्युंडई वेन्यू, टाटा नेक्सन और महिंद्रा एक्सयूवी 300 जैसी कारों ने इस मोर्चे पर दस्तक दी।

इकोस्पोर्ट को पहले महिंद्रा का 1.2-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन प्राप्त करने के लिए स्लेट किया गया था, जिसे इकोबूस्ट पावरप्लांट को बदलने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन दोनों कंपनियों द्वारा इस साल की शुरुआत में अलग होने का फैसला करने के बाद योजनाओं को रद्द कर दिया गया था।

फोर्ड द्वारा अपने ब्राजील प्लांट को बंद करने की घोषणा के बाद, कंपनी ने चेन्नई में इकोस्पोर्ट के लेफ्ट-हैंड-ड्राइव संस्करणों का निर्माण भी शुरू कर दिया था, जिन्हें अर्जेंटीना जैसे बाजारों में निर्यात किया गया था।

कहने की जरूरत नहीं है कि इकोस्पोर्ट भारत में फोर्ड के लिए एक मजबूत विक्रेता रहा है, और इसकी उपस्थिति को बहुत याद किया जाएगा। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह हाई-एंड इम्पोर्टेड कारों की बिक्री जारी रखेगी और भारत में मस्टैंग मच-ई को भी पेश करेगी।